2 किलोमीटर के दायरे की जांच से जाम हुई मुंबई, 7025 वाहन जब्त, विपक्ष ने उठाया सवाल

2 किलोमीटर के दायरे की जांच से जाम हुई मुंबई, 7025 वाहन जब्त, विपक्ष ने उठाया सवाल

Tejinder Singh
Update: 2020-06-29 16:16 GMT
2 किलोमीटर के दायरे की जांच से जाम हुई मुंबई, 7025 वाहन जब्त, विपक्ष ने उठाया सवाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर में सोमवार को जगह-जगह सड़कों पर जाम दिखाई दिया। दरअसल कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई पुलिस ने 2 किलोमीटर बाहर के दायरे में सिर्फ ऑफिस और चिकित्सा से जुड़ी सेवाओं के लिए ही बाहर जाने की इजाजत दी है ऐसे में नाको पर सभी वाहनों की जांच की जा रही है जिसके चलते ज्यादातर नाकों पर  वाहन चालकों को 1 से 2 घंटे तक इंतजार करना पड़ा। बिना वजह घूमने वालों से मुंबई पुलिस ने बेहद कड़ाई से  निपटना शुरू कर दिया है और रविवार को  आदेश लागू होते हैं 7025 वाहन जप्त कर लिए गए। सोमवार को भी कार्रवाई का यह सिलसिला जारी रहा।  हालांकि विपक्ष मैं अचानक इस तरह कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

जाम ही जाम

महानगर के कई इलाकों में वाहनों की जांच की निगरानी के लिए आईपीएस अधिकारी भी मौजूद थे। जोन 12 के पुलिस उपायुक्त डॉ डी स्वामी खुद दहिसर टोल नाके पर मौजूद थे। कोरोना से फिलहाल सबसे ज्यादा प्रभावित उत्तर मुंबई में पुलिस ने ज्यादा सख्ती दिखाई। मुलुंड टोल नाका, वेस्टर्न और ईस्टर्न एक्सप्रेस वे, ताड़देव, लालबाग फ्लाई ओवर, गोरेगांव एसवी रोड जैसे कई इलाकों में वाहनों की लंबी कतारें देखीं गईं। इस दौरान सैकड़ो वाहन जब्त भी किए गए।

सबसे बड़ी कार्रवाई

मुंबई पुलिस ने लॉकडाउन की अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई रविवार को की। इस दौरान पुलिस ने रिकॉर्ड 7025 गाड़ियां जब्त की। इनमें से 2000 गाड़ियां ट्रैफिक पुलिस ने जप्त की जबकि बाकी कार्रवाई  मुंबई के 13 जोन की पुलिस ने की है। लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में कुल 2061 लोगों के खिलाफ 676 एफआईआर दर्ज की गई जिनमें से 1046 को गिरफ्तार भी कर लिया गया।

पत्रकार भी हुए परेशान

पत्रकारों को अति आवश्यक सेवाओं की सूची में रखा गया है और उन्हें अपने कामकाज के लिए छूट दी गई है लेकिन सोमवार को पत्रकारों को भी रोका गया। कई पत्रकारों ने वरिष्ठ अधिकारियों से इसकी शिकायत की। नालासोपारा में रहने वाले मीडिया मीडियाकर्मी आशीष सिंह अरने आवास से 60 किलोमीटर दूर पवई स्थित ऑफिस दुपहिया पर आते हैं पर उनके साथ उनके एक सहकर्मी भी होते हैं। फिलहाल पत्रकारों को लोकल ट्रेनों में सफर की इजाजत नहीं है इसलिए और कोई साधन भी नहीं है। सिंह ने बताया कि सोमवार को  उन्हें पुलिस वालों ने रोक लिया और कहा कि 2 लोग दुपहिया पर नहीं जा सकते। काफी समझाने बुझाने के बावजूद पुलिस वाले नहीं माने और नियमों का हवाला दिया। काफी कोशिशों के बाद उन्होंने कहा कि हम अपने सामने इस तरह की इजाजत नहीं देंगे लेकिन गाड़ी पर बैठे दूसरे शख्स को दूर तक पैदल जाना होगा जिसके बाद गाड़ी पर बैठकर जा सकते हैं। हालांकि मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी प्रणय अशोक के मुताबिक नए आदेश पुराने नियमों के मुताबिक ही है और पत्रकारों को काम करने की छूट है, लेकिन दुपहिया पर एक व्यक्ति को ही सवारी की ही इजाजत है।

भाजपा ने उठाए सवाल

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने  गृह मंत्री अनिल देशमुख से यह आदेश तुरंत वापस लेने की मांग की है। कदम ने कहा कि मुंबई में हजारों निजी गाड़ियां रोक कर कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह कैसा तुगलकी फरमान है, क्या सार्वजनिक परिवहन से सफर करने से ज्यादा सुरक्षित निजी गाड़ियों में सफर करना नहीं है। कदम ने पूछा कि क्या मेडिकल, हॉस्पिटल, प्राइवेट दफ्तर, दुकान, मार्केट, होलसेल मार्केट, लोकल पुलिस स्टेशन, बीएमसी कार्यालय क्या यह सब किसी के घर के 2 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की असमंजस भरी नीतियों का शिकार मुंबई के लोग बनते जा रहे है।  


 

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