आटोरिक्शा को गार्डन बनाने वाला रिक्शा चालक बना वृक्षारोपण का प्रेरणा दूत 

आटोरिक्शा को गार्डन बनाने वाला रिक्शा चालक बना वृक्षारोपण का प्रेरणा दूत 

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-01 11:57 GMT
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। घर चलाने के लिए दिनभर कंक्रीट के जंगल यानि मुंबई महानगर में आटोरिक्शा चलाने वाले युवक सुरेश माने को हरियाली इस कदर पसंद है कि उन्होंने अपने छोटे से रिक्शे को गार्डन की शक्ल दे दी है। लोगों को हरियाली का संदेश देने का उसका यह आइडिया राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को इस कदर भाया कि उन्होंने माने को राज्य के वृक्षारोपण अभियान का प्रेरणा दूत बना दिया।  अपने इस अभिनव प्रयोग की बाबत माने बताते हैं कि जब कोई यात्री मेरे आटोरिक्शा में बैठने के बाद कहता है कि ऐसा लग रहा कि रिक्शा नहीं गार्डन में बैठे हैं, तो मुझे अच्छा लगता है। लोगों की इस तरह की प्रतिक्रिया से मुझे प्रोत्साहन मिलता है।

सेल्फी निकालते हैं लोग
दहिसर के केतकी पाडा आदिवासी बस्ती में रहने वाले माने बताते हैं कि मुझे जंगल-पेड़ पौधे खूब भाते हैं। हर रोज सैकड़ों लोग मेरे रिक्शा मैं बैठते हैं। कोई 15 मिनट के लिए तो कोई एक घंटे के लिए भी यात्रा करता है। मैं सोचता था कि कैसे अपने यात्रियों को उनकी यात्रा के दौरान सुखद वातावरण दूं। इसलिए प्लास्टिक के फूल-पत्ती की बजाय मैंने असली पौधों से अपना आटोरिक्शा सजाने की सोची। इसलिए छोटे-छोटे 10 पौधे आटोरिक्शा के चारों तरफ बांध दिये। माने बताते हैं कि सिग्नल पर रुकने पर लोग मेरे रिक्शा के साथ सेल्फी निकालने के लिए आते हैं। रिक्शा की सवारी करने वालों को भी यह अच्छा लगता है। कई लोग तो किराए के अलावा यह कहते हुए पौधों के लिए भी पैसे देते हैं कि मेरे नाम से भी एक पौधा रिक्शा पर लगा दो। 

माने जैसे लोग पर्यावरण संरक्षण के योद्धा: वनमंत्री               
राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार को माने की यह पहल इस कदर भायी कि उन्होंने माने को वृक्षारोपड़ अभियान का प्रेरणा दूत बनाने का ऐलान किया है। मुनगंटीवार ने कहा कि रोजी-रोजी के लिए लोग अनेकों तरह के व्यवसाय करते हैं। लेकिन यह करते हुए अपना सामाजिक कर्तव्य निभाना बड़ी बात है। माने जैसे लोग सही अर्थों में पर्यावरण संरक्षण के योद्धा हैं। उन्होंने बताया कि वन विभाग ने तीन वर्षों के दौरान राज्य में 50 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा है। अभी तक 17 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं। अब इस मानसून में हम सभी को मिल कर और 33 करोड़ और पौधे लगाने हैं। वनमंत्री ने कहा कि सूखे जैसी समस्या से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपड़ की जरूरत है।     

 

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