TRP मामला : अर्णब को राहत, हाईकोर्ट में सिब्बल ने कहा- इतना उत्साह क्यों दिखा रही है ईडी

TRP मामला : अर्णब को राहत, हाईकोर्ट में सिब्बल ने कहा- इतना उत्साह क्यों दिखा रही है ईडी

Tejinder Singh
Update: 2021-01-15 12:20 GMT
TRP मामला : अर्णब को राहत, हाईकोर्ट में सिब्बल ने कहा- इतना उत्साह क्यों दिखा रही है ईडी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। टीआरपी से जुड़े कथित घोटाले को लेकर मुंबई पुलिस ने बांबे हाईकोर्ट में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच को लेकर सवाल उठाए हैं। मुंबई पुलिस की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि आखिर ईडी इस मामले में इतना उत्साह क्यों दिखा रही है। जबकि वह इस प्रकरण में प्रतिवादी भी नहीं है। उसे इस मामले की सुनवाई में आना ही नहीं चाहिए था। 

सिब्बल ने इस प्रकरण में ईडी के हस्तक्षेप को लेकर आपत्ति जताते हुए कोर्ट में मुंबई पुलिस की प्रगति रिपोर्ट पेश की। इससे पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी व एआरजी आउटलर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों को गिरफ्तारी से मिली राहत को 29 जनवरी 2021 तक के लिए बढा दिया। 

न्यायमूर्ति एसएस शिंदे की खंडपीठ के सामने गोस्वामी की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता हरीष साल्वे ने कहा कि यह पूरी तरह से समझ से परे है कि राज्य की जांच एजेंसी कैसे केद्रीय जांच एजेंसी यानी ईडी को अपनी जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने से रोक सकती है। जबकि ईडी ने भी इस मामले को लेकर मामला दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। यदि ईडी की रिपोर्ट व मुंबई पुलिस की जांच रिपोर्ट में विरोधाभास नजर आता है तो यह माना जाए कि मुंबई पुलिस ने गलत इरादे से मेरे मुवक्किल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एआरजी कंपनी ने अपनी याचिका में इस मामले की जांच सीबीई को सौपने की मांग की है।   

इस दौरान साल्वे कहा कि यह आरोप पूपी तरह से बेतुका है कि रिपब्लिक टीवी के संपादक गोस्वामी ने टीआरपी में बढोत्तरी दिखाने के लिए घूस दी थी। इसमें आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। वहीं ईडी की ओर से पैरवी कर रहे एडिशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि उनकी जांच रिपोर्ट तैयार है। कोर्ट उनकी रिपोर्ट को रिकार्ड में ले। हालांकि खंडपीठ ने अभी तक ईडी की रिपोर्ट को रिकार्ड में नहीं लिया है और पुलिस को इस मामले में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।

इस बीच हंसा रिसर्च समूह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद खंडपीठ ने कहा कि पुलिस इस समूह से जुड़े लोगों को जांच के लिए सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही बुलाए। याचिका में हंसा ने पुलिस पर जांच के नाम पर परेशान करने का आरोप लगाया है। 

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