मुंबई पुलिस के अधिकारी ने लॉकडाउन में बचाई 15 सौ प्राणियों की जान, शुरू की एंबुलेंस सेवा

अनूठी पहल मुंबई पुलिस के अधिकारी ने लॉकडाउन में बचाई 15 सौ प्राणियों की जान, शुरू की एंबुलेंस सेवा

Tejinder Singh
Update: 2022-02-21 12:56 GMT
मुंबई पुलिस के अधिकारी ने लॉकडाउन में बचाई 15 सौ प्राणियों की जान, शुरू की एंबुलेंस सेवा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना की वैश्विक महामारी के दौरान पुलिस अधिकारी सुधीर कुडालकर प्राणियों के लिए मसीहा बनकर उभरे और उन्होंने 1500 से ज्यादा प्राणियों की जान बचाई। बेजुबानों को खाना खिलाने और उनकी देखभाल करने वालों को उन्होंने ह्वाट्सएप के जरिए जोड़ा। यही नहीं प्राणी प्रेमियों की मदद के लिए उन्होंने 25 वकीलों की लीगल टीम भी तैय़ार की है। अब उन्होंने घायल प्राणियों के प्राथमिक इलाज के लिए एक एंबुलेंस भी शुरू की है। उनके इस योगदान की सराहना करते हुए राज्यपाल से लेकर मुंबई पुलिस आयुक्त तक ने उन्हें सम्मानित किया है। कुडालकर फिलहाल एमएचबी पुलिस स्टेशन के इंचार्ज हैं लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान जब लॉकडाउन लगा था वे भ्रष्टाचार निरोध ब्यूरों में एसीपी के तौर पर तैनात थे। उन्होंने बताया कि वे जानवरों से प्यार करते हैं। उनके घर में चार पर्शियन बिल्लियां हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान पहला लॉकडाउन लगा तो होटल भी बंद हो गए थे। गलियों में रहने वाले कुत्ते बिल्ली जैसे जानवरों को खाना नहीं मिल रहा था। इस दौरान कुछ पशुप्रेमी उन्हें खाना खिलाने की कोशिश करते तो उनका आसपास रहने वालों से विवाद होता था। पुलिस भी ज्यादा मदद नहीं करती थी। इसके बाद जानवरों को खाना खिलाने वालों ने कुडालकर से मदद मांगनी शुरू की और उन्होंने पुलिसवालों से बात कर उन्हें मदद मुहैया करानी शुरू की। जानवरों को खिलाने के लिए जगह तय की गई। सोसायटियों द्वारा लगाई जाने वाले अनावश्यक पाबंदियों पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करना शुरू किया। जानवरों पर अत्याचार रोकने की कानूनी लड़ाई और उनके इलाज की बात सामने आई तो इसके लिए पैसों की जरूरत पड़ी। इसके बाद कुडालकर ने प्योर एनिमल लवर (पाल) नाम का ग्रुप बनाया और जानवरों की मदद करने के इच्छुक लोगों को साथ जोड़ा। मुंबई के साथ साथ आसपास के जिलों से भी लोग मदद मांगने लगे। जिसके बाद जानवरों की मदद के लिए एंबुलेंस भेजी जानी लगी। भरोसा बढ़ा और धीरे धीरे इतने लोग जुड़ गए कि प्राणियों की मदद करने वालों के वे 27 ह्वाट्सएप ग्रुप बना चुके हैं। इसके अलावा कुडालकर ने 25 वकीलों का समूह बनाया जो प्राणियों पर अत्याचार करने वालों और प्राणीमित्रों को परेशान करने वालों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ते हैं। अब उन्होंने घायल प्राणियों को तुरंत प्राथमिक इलाज मुहैया कराने के लिए एक एंबुलेंस और एक दुपहिया की व्यवस्था की है। जिससे अस्पताल ले जाने से पहले जानवरों का प्राथमिक इलाज किया जा सके।  

मिल चुके हैं कई पुरस्कार

सुधीर कुडालकर ने जिस तरह अपनी जिम्मेदारियां पूरी करते हुए प्राणियों की मदद की है इसके लिए उन्हें राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी और मुंबई पुलिस आयुक्त हेमंत नागराले ने सम्मानित किया है। इसके अलावा एनिमल वेलफेयर ऑफ इंडिया, मुंबई वेररिनरी कॉलेज, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स असोसिएशन भी उन्हें सम्मानित कर चुका है। 

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