मुंबई पुलिस ने दर्ज किया आईपीएस रश्मि शुक्ला का बयान, फोन टैपिंग मामले में दर्ज हुई है FIR

मुंबई पुलिस ने दर्ज किया आईपीएस रश्मि शुक्ला का बयान, फोन टैपिंग मामले में दर्ज हुई है FIR

Tejinder Singh
Update: 2021-05-25 14:12 GMT
मुंबई पुलिस ने दर्ज किया आईपीएस रश्मि शुक्ला का बयान, फोन टैपिंग मामले में दर्ज हुई है FIR

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अवैध फोन टैपिंग और पुलिसवालों की पोस्टिंग से जुड़ा संवेदनशील डेटा लीक होने के मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने आईपीएस अधिकारी रश्मी शुक्ला का बयान दर्ज किया है। एक अधिकारी के मुताबिक शुक्ला का बयान पिछले सप्ताह हैदराबाद में दर्ज किया गया। शुक्ला फिलहाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) दक्षिण विभाग की अतिरिक्त महानिदेशक के तौर पर हैदराबाद में तैनात हैं। 

मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने शुक्ला को मामले में पूछताछ के लिए पिछले महीने दो बार समन भेजकर उन्हें अपने मुंबई स्थित घर पर मौजूद रहने को कहा था लेकिन शुक्ला ने अपनी जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए कहा कि कोविड के समय उन्हें जो जिम्मदारियां सौंपी गई है उसके चलते वे इतनी लंबी यात्रा नहीं कर सकतीं। उन्होंने ईमेल के जरिए सवालों के जवाब देने को कहा था। साथ ही अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था। जिसके बाद मुंबई पुलिस ने कहा था कि वह हैदराबाद में जाकर शुक्ला का बयान दर्ज करेगी। जांच में सहयोग करने पर अदालत ने शुक्ला की गिरफ्तारी भी न करने के निर्देश दिए थे। बयान दर्ज करने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन की एक टीम 19 और 20 मई को हैदराबाद में थी। सूत्रों के मुताबिक अपने बयान में शुक्ला ने खुद पर लगे आरोपों से इनकार किया।

क्या है मामला

यह विवाद तब शुरू हुआ जब विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस राज्य की तत्कालीन खुफिया विभाग की प्रमुख रश्मी शुक्ला की ओर से राज्य के पुलिस महानिदेशक को लिखे पत्र का हवाला देते हुए पुलिस अधिकारियों के तबादले पोस्टिंग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। मामले में कुछ कथित दलालों, पुलिस अधिकारियों के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग सामने आई थी।आरोप है कि खुफिया विभाग की प्रमुख रहते शुक्ला ने बिना इजाजत कुछ लोगों के फोन टेप किए थे। कुछ मामलों में सरकार को गलत नाम और वजह बताकर फोन टेप करने का आरोप है। इस मामले में इसी साल इंटेलिजेंस विभाग ने साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे पहले मामले की प्राथमिक जांच के बाद राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने एक रिपोर्ट मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंपी थी जिसमें कहा गया था कि ऐसा लगता है कि संवेदनशील जानकारियां शुक्ला ने ही लीक की।
 

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