प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली में नगर निगम जबलपुर ने इंदौर और भोपाल को भी पीछे छोड़ा

प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली में नगर निगम जबलपुर ने इंदौर और भोपाल को भी पीछे छोड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-29 09:42 GMT
प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली में नगर निगम जबलपुर ने इंदौर और भोपाल को भी पीछे छोड़ा

जबलपुर में 41, इंदौर में 28, भोपाल में 19 और ग्वालियर में केवल 14 फीसदी करदाताओं ने सम्पत्तिकर जमा किया, पिछले साल मार्च का रिकॉर्ड इस साल दिसम्बर में ही टूट गया
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना के भय और दहशत के माहौल को पीछे छोड़ते हुए नगर निगम ने सम्पत्तिकर की रिकॉर्ड तोड़ वसूली की है। इंदौर, भोपाल और ग्वालियर नगर निगम को भी काफी पीछे छोड़ते हुए नगर निगम ने दिसम्बर में ही पिछले साल के कुल सम्पत्तिकर को क्रॉस कर लिया है। पिछले साल 31 मार्च तक कुल 62 करोड़ 76 लाख रुपए का सम्पत्तिकर जमा हुआ था, जबकि इस साल 28 दिसम्बर को ही सम्पत्तिकर की कुल वसूली 63 करोड़ 23 लाख रुपए हो चुकी है। प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली में नगर निगम प्रदेश के 4 प्रमुख निगमों में अव्वल है। यहाँ 41फीसदी करदाताओं ने टैक्स जमा कर दिया है जबकि इंदौर में 28, भोपाल में 19 और ग्वालियर में 14 फीसदी लोगों ने टैक्स जमा किया है। नगर निगम के लिए वसूली का टारगेट भोपाल से तय किया गया था और कुल राजस्व वसूली 409 करोड़ तय की गई थी। इसमें सम्पत्तिकर का हिस्सा 188 करोड़ निर्धारित किया गया था। यह अलग बात है कि 188 करोड़ का टारगेट कुछ ज्यादा है लेकिन निगम अधिकारियों का दावा है कि हम 110 करोड़ तक की वसूली कर लेंगे। यह वसूली भी रिकॉर्ड तोड़ होगी क्योंकि अभी तक नगर निगम ने वर्ष 2017-18 में सर्वाधिक 185 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया था और उसी साल 77.7 करोड़ रुपए प्रॉपर्टी टैक्स में आए थे जो कि अभी तक के सर्वाधिक हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो उस साल का रिकॉर्ड निगम कुछ ही दिनों में तोड़ देगा।
इतनी सम्पत्ति, इतनी राशि आई
* जबलपुर  में कुल  2 लाख 70 हजार सम्पत्तियाँ दर्ज हैं, जिनमें से 1 लाख 12 हजार करदाताओं ने 62 करोड़ रुपए जमा किए हैं। 
* इंदौर में 5 लाख 90 हजार सम्पत्तियाँ हैं अभी तक 1 लाख 67 करदाताओं ने 169 करोड़ रुपए सम्पत्तिकर के रूप में जमा किए हैं। 
* भोपाल में 4 लाख 52 हजार सम्पत्तियाँ हैं, जिनमें से 85 हजार करदाताओं ने कुल 72 करोड़ रुपए जमा किए हैं। 
* ग्वालियर में कुल 3 लाख सम्पत्तियाँ दर्ज हैं जिनमें से 51 हजार करदाताओं ने अभी तक कुल 33 करोड़ रुपए जमा किए हैं। 
 

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