मुश्रीफ मंत्री ने अन्ना हजारे को लिखा पत्र, ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्ति संवैधानिक

मुश्रीफ मंत्री ने अन्ना हजारे को लिखा पत्र, ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्ति संवैधानिक

Tejinder Singh
Update: 2020-07-21 14:45 GMT
मुश्रीफ मंत्री ने अन्ना हजारे को लिखा पत्र, ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्ति संवैधानिक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में कार्यकाल समाप्त होने वाली ग्राम पंचायतों में प्रशासक की नियुक्ति को लेकर सवाल उठाने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे को प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने जवाब दिया है। मुश्रीफ ने कहा कि ग्राम पंचायतों में प्रशासक नियुक्ति का फैसला राजनीतिक उद्देश्य से नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि साल 1992 के 73 वें संविधान संशोधन और कोरोना की स्थिति के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में मुश्रीफ ने हजारे को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से जिलों के पालक मंत्रियों की सलाह के अनुसार जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से योग्य कार्यक्षम व्यक्ति की प्रशासक के रूप में नियुक्त करने की अपेक्षा है। मुश्रीफ ने कहा कि राज्य की 14 हजार 234 ग्राम पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो चुका है। 73 वें संविधान संशोधन के अनुसार ग्राम पंचायतों का कार्यकाल पांच साल से अधिक नहीं रह सकता। साल 2005 में कार्यकाल खत्म होने के बाद 13 जिलों की ग्राम पंचायतों की अवधि बढ़ाई गई थी लेकिन महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने इस फैसले को रद्द कर दिया था।

इससे पहले हजारे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर ग्राम पंचायतों में प्रशासक की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि ग्रामीण विकास विभाग ने गैर कानूनी तरीके से प्रशासक नियुक्ति का आदेश जारी कर जनता को भ्रमित किया है। उन्होंने आंदोलन की भी चेतावनी दी थी। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेद्र फडणवीस भी इस फैसले का विरोध कर चुके हैं।  

 

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