महावितरण कर्मचारियों की पसंदीदा जगह बना नागपुर, खामियाजा भुगत रहे ठेका कामगार

महावितरण कर्मचारियों की पसंदीदा जगह बना नागपुर, खामियाजा भुगत रहे ठेका कामगार

Tejinder Singh
Update: 2020-12-22 11:21 GMT
महावितरण कर्मचारियों की पसंदीदा जगह बना नागपुर, खामियाजा भुगत रहे ठेका कामगार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महावितरण कर्मचारियों की काम के लिए नागपुर पसंदीदा जगह बनते जा रही है। कर्मचारी जिस तेजी से तबादले पर नागपुर आ रहे हैं, उससे इन्हें नागपुर शहर में एडजस्ट करना मुश्किल होते जा रहा है। शहर के तीन विभागों की जिम्मेदारी महावितरण ने सितंबर 2019 में अपने हाथ में ली और जिस तेजी से कर्मचारी शहर में तबादले पर आ रहे हैं उन्हें एडजस्ट करने के लिए ठेका पद्धति पर सालों से काम कर रहे कामगारों को बाहर का रास्ता दिखाना पड़ रहा है।

एक साल में आए 600 से ज्यादा कर्मचारी

महावितरण नागपुर जोन के तहत नागपुर व वर्धा जिला आता है। नागपुर में शहर व ग्रामीण ऐसे दो सर्कल हैं। नागपुर सर्कल में 5 व ग्रामीण में 4 डिवीजन आते हैं। सितंबर 2019 में एसएनडीएल ने शहर के गांधीबाग, महाल व सिविल लाइंस डिवीजन का काम छोड़ दिया। एसएनडीएल ने जब काम छोड़ा, तब करीब एक हजार कामगार ठेका पद्धति पर काम करते थे। शहर में गांधीबाग, महल, सिविल लाइंस, कांग्रेस नगर व बुटीबोरी एमआईडीसी ऐसे 5 डिवीजन है। इन पांच डिवीजनों में 1600 अधिकारी-कर्मचारियों की जरूरत है। महावितरण ने काम हाथ में लेने के बाद से ठेका कामगारों की छंटनी जारी है। पिछले कुछ महीने से तबादले पर नागपुर आने वाले कर्मचारियों की संख्या काफी बढ़ गई है। चूंकि आदेश सीधे महावितरण मुख्यालय से आने से कोई इस पर ऐतजार नहीं कर सकता। इन्हें एडजस्ट करने के लिए ठेका कामगारों की बलि दी जा रही है। महावितरण नागपुर में अब महज 200 ठेका कर्मचारी बचे हैं। एक साल में 600 से ज्यादा कर्मचारी तबादले पर नागपुर आए हैं।

संबंधित विभाग से मांगी है जानकारी

इस बारे में महावितरण के जनसंपर्क अधिकारी से संपर्क करने पर बताया गया कि शहर के 5 डिवीजनों में 1300-1400 कर्मचारी पदस्थ हैं। ठेका कामगारों को एक साल के लिए रखा गया था आैर अभी कितने हैं, इस बारे में तुरंत जानकारी उपलब्ध नहीं है। कितने कर्मचारियांे की पोस्टिंग हुई, इसकी जानकारी संबंधित विभाग से मांगी गई है। संबंधित अधिकारी से जानकारी मिलते ही उपलब्ध कराई जाएगी।

कोंकण से आए 70 कर्मचारी भी शहर में

कोंकण से 70 कर्मचारी तबादले पर नागपुर आए, लेकिन उन्हें ग्रामीण के बजाय शहर में नियुक्ति दी गई। इस कारण भी ठेका कामगारों पर मार पड़ रही है।

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