बेमौसम बारिश के बाद सरकारी मशीनरी की मार, तीन दिन बाद भी जीआर नहीं पहुंचा

बेमौसम बारिश के बाद सरकारी मशीनरी की मार, तीन दिन बाद भी जीआर नहीं पहुंचा

Tejinder Singh
Update: 2019-11-18 15:36 GMT
बेमौसम बारिश के बाद सरकारी मशीनरी की मार, तीन दिन बाद भी जीआर नहीं पहुंचा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बेमौसम बारिश से हुई फसल बर्बाद पर मलहम लगाने के लिए राज्यपाल की तरफ से आर्थिक मदद (मुआवजा) की घोषणा तो हो गई, लेकिन तीन दिन बाद भी जिला प्रशासन तक वह जीआर नहीं पहुंच सका है। जीआर नहीं मिलने से पीड़ित किसानों को कैसे, किस रूप में और किस तरह मदद दी जाए इस बारे में जिला प्रशाासन जवाब नहीं दे पा रहा है। जिले में बेमौसम बारिश से 54 हजार 202 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल बर्बाद हुई है। 1 लाख 19 हजार 355 किसान प्रभावित हुए है। इन सभी किसानों की 33 फीसदी से ज्यादा फसल बर्बाद हुई है। राज्यपाल की तरफ से खरीफ के लिए 8 हजार व फलबागायती के लिए 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मदद की घोषणा हुई। यह मदद केवल दो हेक्टेयर तक ही लागू रहेगी। पीड़ित किसानों को आर्थिक मदद संबंधी जीआर अभी तक जिला प्रशासन तक नहीं पहुंचा है। जिला प्रशासन के अधिकारी सरकारी साइट पर सर्च करके इसे देखने की कोशिश कर रहे है, लेकिन सोमवार शाम तक जीआर साइट पर अपलोड नहीं हो हुआ था। पीड़ित किसान मदद के संबंध में जानकारी लेने जिला प्रशासन के पास पहुंच रहे है। किसानों को कैसे, किस रूप में व किसतरह मदद दी जाएगी इस बारे में अधिकारी बता नहीं पा रहे है। जीआर की कापी हाथ लगने के बाद पूरी तरह समाधान करने का डोज अधिकारियों की तरफ से दिया जा रहा है। अद्यावत तकनीक के दौर में एक मिनट में जीआर मुंबई से नागपुर पहुंच जाता है। तीन दिन बाद भी जीआर नहीं मिलने से अधिकारी पीड़ित किसानों को विस्तार से बता पाने की स्थिति में नहीं है।

नहीं मिला जीआर

उपजिलाधीश (राजस्व) सुजाता गंधे के मुताबिक बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद हुई पीड़ित किसानों के लिए राज्यपाल की तरफ से खरीप फसल 8 हजार व फलबागायती के लिए 18 हजार प्रति हेक्टेयर आर्थिक मदद की जानकारी मिली है। अखबारों में भी इस बारे में खबरें प्रकाशित हुई है। अभी तक जीआर नहीं मिला है। संबंधित साइट पर भी अभी तक जीआर उपलब्ध नहीं होने से इस बारे में ज्यादा बात नहीं की जा सकती। जीआर मिलने के बाद कैसे, किसतरह व किसरूप में मदद दी जाएगी, इस बारे में विस्तार से बताया जा सकेगा।

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