फर्जी पदाधिकारी को नागपुर मनपा ने दे दी सरकारी जमीन, दस्तावेजों की जांच भी जरूरी नहीं समझी
फर्जी पदाधिकारी को नागपुर मनपा ने दे दी सरकारी जमीन, दस्तावेजों की जांच भी जरूरी नहीं समझी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर पांचपावली फ्लाई ओवर के नीचे की सरकारी जमीन संस्था को देने का मामला उजागर हुआ है। संस्था में जो व्यक्ति पदाधिकारी नहीं है, उसी ने अध्यक्ष के साथ मिलकर मनपा को पत्र लिखा और पालकत्व योजना के नाम पर यह जमीन हथिया ली। गांधीबाग जोन के सहायक आयुक्त अशोक पाटील ने यह जमीन देते समय दस्तावेजों की जांच करना जरूरी नहीं समझा था। आज भी वे इसकी जरूरत नहीं होने का अजीबोगरीब दावा कर रहे है। पूरे मामले को लेकर संस्था अध्यक्ष व मनपा अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बन गई है। सहायक आयुक्त इसके पूर्व भी विवादों मंए रहे है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मनपा के गांधीबाग जोन ने पांचपावली फ्लाई आेवर के नीचे (रेलवे फाटक के पास) की जमीन मुकुल शिक्षण व जनकल्याण बहुउद्देशीय संस्था को 2016 में पालकत्व योजना के तौर पर दे दी। राजू भुंजे ने अध्यक्ष पांडुरंग वाघ के साथ मिलकर मनपा को पत्र लिखकर यह जमीन मांगी थी। राजू भुंजे ने संस्था का जो लेटरहेड मनपा को दिया, उसमें खुद को सहसचिव दिखाया गया है, जबकि राजू भुंजे कभी भी इस संस्था का पदाधिकारी नहीं रहा। मनपा के सहायक आयुक्त अशोक पाटील, उप अभियंता व सेक्शन इंजीनियर ने मिलकर बगैर दस्तावेजों की जांच करे यह जमीन संस्था को दे दी। सहायक आयुक्त अशोक पाटील विवादित अधिकारी है आैर गत वर्ष मनपा ने उन्हें निलंबित किया था।
संस्था के पदाधिकारियों पर एक नजर
संस्था के अध्यक्ष पांडुरंग वाघ, उपाध्यक्ष पंकज सोनडवले, सचिव लता सोरते, सहसचिव कु. मिनाक्षी निमजे, कोषाध्यक्ष लता वाघ, सदस्य किशोर मारुडकर व कु. लीना राहाटे है। इस संस्था का पंजीयन अप्रैल 1998 में हुआ है आैर तब से लेकर आज तक चैरिटी कार्यालय में ये सात लोग ही पदाधिकारी है। अध्यक्ष श्री वाघ ने पदाधिकारियों को छोड़कर राजु भुंजे को साथ लेकर मनपा को क्यों पत्र दिया यह सवाल बना हुआ है। अध्यक्ष चाहते तो पदाधिकारियों को साथ लेकर भी सरकारी जमीन का पालकत्व ले सकते थे।
सहसचिव हूं, अध्यक्ष से संपर्क करो
राजू भुंजे ने कहा कि मैं संस्था का सहसचिव हूं और पालकत्व योजना के तहत मनपा से जमीन ली है। आप अध्यक्ष से संपर्क करो उन्हें सब पता है। तहसील पुलिस थाने में जो शिकायत गई थी उसमें समझौता हो गया है।
राजू भुंजे सहसचिव नहीं है
संस्था के अध्यक्ष पांडुरंग वाघ ने कहा कि राजू भुंजे संस्था का सहसचिव या सदस्य नहीं है। मनपा को जमीन मांगने के संबंध में जो पत्र दिया गया था, उस लेटरहेड पर मेरे अलावा राजू भुंजे ने सहसचिव के तौर पर हस्ताक्षर किए है। फिलहाल वह संस्था में नहीं है, लेकिन उसे संस्था में ले लिया जाएगा। सहसचिव बताकर सरकारी जमीन लेने के सवाल पर कहा कि हमने अच्छे काम के लिए जगह ली है। पदाधिकारियों को छोड़कर राजू को लेने के सवाल पर कहा कि कुछ पदाधिकारी व सदस्यों की मौत हुई है। अशोक पाटील नामक अधिकारी ने हमे मदद की थी।
मेरी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होगी
1- सर, राजू भुंजे पदाधिकारी नहीं है, फिर जमीन कैसे दी?
-आपको क्या बोलना है, वह बताओ।
2- दस्तावेजों की जांच नहीं की?
-जांच करना जरूरी नहीं समझा आैर अभी भी दस्तावेजों की जांच नहीं करनी है।
3-खुलासा हुआ कि राजू पदाधिकारी नहीं है, कार्रवाई होगी?
-मेरे तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होगी।
4- जगह आपके ही हस्ताक्षर से संस्था को दी गई?
-मेरी ही सही है, आगे बोलो, कार्रवाई करने की जरूरत नहीं लगती।
5-यह सरकारी जमीन है, सरकार के साथ धोखाधड़ी है?
शिकायत नहीं आई है, इस जगह पर गंदगी होती थी, इसलिए दे दी।
--अशोक पाटील, सहायक आयुक्त, गांधीबाग जोन मनपा.