गडकरी सहित अन्य सांसदों ने जवाब देने के लिए मांगा समय

गडकरी सहित अन्य सांसदों ने जवाब देने के लिए मांगा समय

Tejinder Singh
Update: 2019-08-24 12:53 GMT
गडकरी सहित अन्य सांसदों ने जवाब देने के लिए मांगा समय

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के सांसद पद के खिलाफ दायर तीन चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इसके अलावा वर्धा सांसद रामदास तड़स और बुलढाणा सांसद प्रताप जावध के खिलाफ दायर चुनाव याचिका पर भी सुनवाई हुई। सभी सांसदों ने अपना उत्तर देने के लिए कोर्ट से चार सप्ताह का समय देने की प्रार्थना की। हाईकोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया। इधर केंद्रीय चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि वह इन चुनाव याचिकाओं से खुद को अलग करना चाहता है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ पिपल्स एक्ट की धारा 82 के अनुसार ऐसे प्रकरणों में केवल दो उम्मीदवारों के बीच ही सुनवाई होनी चाहिए। चुनाव आयोग की इसमें ज्यादा भूमिका नहीं होती। कोर्ट ने उन्हें इस पर लिखित अर्जी प्रस्तुत करने को कहा है। 

इन्होंने दायर की है याचिका

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट में गडकरी के खिलाफ नाना पटोले, मनोहर डबरासे और नफीस खान ने याचिका दायर की है। इसी तरह तड़स के खिलाफ धनराज वंजारी और जाधव के खिलाफ बलीराम शिरसकर ने याचिका दायर की है। मामले में चुनाव आयोग की ओर से एड. नीरजा चौबे ने पक्ष रखा। चुनाव याचिकाओं में मुख्य रूप से एक प्रकार के आरोप हैं। दावा किया गया है कि संबंधित लोकसभा क्षेत्र में हुए चुनावों में मतों का मतदाता संख्या से मिलान नहीं हुआ। कई जगह अतिरिक्त मतदान हुआ। इसके बावजूद संबंधित चुनाव अधिकारी ने चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ाई। याचिकाकर्ता ने ईवीएम मशीनों पर भी संदेह जताया। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दलील दी कि 1 से 2 प्रतिशत ईवीएम में गलती होने की आशंका नकारी नहीं जा सकती। इससे करीब 36 हजार वोटों की हेराफेरी होती है। ईवीएम मशीन के कारण अवैध मतों के लिए कोई तंत्र नहीं है। उक्त दोनों सांसदों ने अवैध तरीके से चुनाव जीता है। लिहाजा उनकी सदस्यता खारिज की जानी चाहिए। 
 

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