नागपुर स्टेशन 31 मार्च तक लॉक, आवाजाही पर पूर्णत: रोक

नागपुर स्टेशन 31 मार्च तक लॉक, आवाजाही पर पूर्णत: रोक

Anita Peddulwar
Update: 2020-03-24 08:05 GMT
नागपुर स्टेशन 31 मार्च तक लॉक, आवाजाही पर पूर्णत: रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर रेलवे स्टेशन को सोमवार को पूरी तरह से लॉक कर दिया है। परिसर के गेट पर संभवत: पहली बार ताला जड़ा गया है। आखिरी  गाड़ी प्लेटफार्म नंबर 2 पर दोपहर में आने के बाद ऐसा किया गया। नागपुर रेलवे स्टेशन को भी गत दो दिनों से बंद किया गया है। हालांकि घोषणा से पहले की संचालित लंबी दूरी की गाड़ियों की आवाजाही हो रही थी। सोमवार को ऐसी अंतिम गाड़ी भी गुजर गई।

नागपुर स्टेशन में फंसे लोग, 28 बुजुर्ग शामिल 
नागपुर रेलवे स्टेशन पर सोमवार को  28 बुजुर्ग श्रद्धालु फंस गए। ट्रेनों का आवागमन बंद होने के कारण अपने घर मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश) नहीं जा पा रहे थे। भूखे-प्यासे इन यात्रियों के बारे में कुछ लोगों ने समाजसेवी संस्था व रेलवे को सोशल मीडिया की मदद से जानकारी दी। जिसके बाद रेलवे प्रशासन व संस्थाओं ने उनकी मदद की। रेलवे ने भी इनका चेकअप करवाकर इन्हें प्राइवेट गाड़ी से सड़क मार्ग से उनके घर भेजने की व्यवस्था की। 

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से 28 श्रद्धालु रामेश्वरम की यात्रा खत्म कर मदुराई-निजामुद्दीन एक्सप्रेस से मध्यरात्रि नागपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। इनके साथ 52 अन्य यात्री भी शामिल थे, जो युवा थे। सुबह उत्तर दिशा में जाने वाली एर्नाकुलम एक्सप्रेस से यह अपने शहर मिर्जापुर वापसी करने वाले थे, लेकिन स्टेशन पर आई एक्सप्रेस में इतनी भीड़ थी कि ट्रेन के यात्रियों ने इन्हें भीतर आने ही नहीं दिया। धक्का-मुक्की कर 52 युवा यात्री गाड़ी में घुसने में सफल हो गए, लेकिन 28 वृद्ध यात्री ट्रेन में बैठ नहीं पाए।

बताया गया कि कई बोगियों के यात्रियों ने दरवाजा भी नहीं खोला और कुछ यात्रियों ने चढ़ने नहीं दिया। प्लेटफार्म पर कुछ देर रहने के बाद रेल प्रशासन ने भी इन्हें बाहर कर दिया। ऐसे में कुछ लोगों ने इन यात्रियों के बारे में जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल की। जिसके बाद कुछ सामाजिक संस्था के लाेग स्टेशन पर पहुंचे और यात्रियों के खाने-पीने की व्यवस्था की। इसी के साथ रेल प्रशासन भी मौके पर पहुंचा। संस्था व रेलवे प्रशासन ने मिलकर कुछ प्राइवेट ट्रैवल्स वालों से बात कर मदद करने की गुहार लगाई, जिससे बाद तीन गाड़ियों की मदद से इन्हें मिर्जापुर भेजा गया। इस वक्त रेलवे ने प्राइमरी स्टेज पर इनकी जांच कर सफर में दिक्कत नहीं आनी चाहिए, इसलिए प्रमाणपत्र भी दिए ।
 

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