नागपुर एयरपोर्ट से चंद्रपुर, अकोला, अमरावती व गोंदिया के लिए शीघ्र उड़ान

नागपुर एयरपोर्ट से चंद्रपुर, अकोला, अमरावती व गोंदिया के लिए शीघ्र उड़ान

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-18 10:39 GMT
नागपुर एयरपोर्ट से चंद्रपुर, अकोला, अमरावती व गोंदिया के लिए शीघ्र उड़ान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सस्ते, घरेलू व कम दूरी के उड़ानों की आवश्यकता को देखते हुए विदर्भ के चंद्रपुर, अमरावती, गोंदिया एवं अकोला के स्थानीय हवाई अड्डों से एक वर्ष के भीतर विमान सेवा शुरू करने की योजना है। इसके लिए लोकल हवाई अड्डों को तैयार किया जा रहा है, संसाधन जुटाए जा रहे हैं। सरकार द्वारा निधि उपलब्ध कराने से विकास कार्यों को गति मिली है। आवश्यक सभी तरह की मंजूरी के लिए महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमएडीसी) की ओर से अथक प्रयास किए जा रहे हैं। शीघ्र ही विदर्भ के इन मुख्य शहरों से नागपुर एयरपोर्ट तथा अन्य स्थानों के लिए 42 व 72 सीटर विमान उड़ान भरेंगे।

15 शहरों के लिए बनी थी योजना
वर्ष 2015 में राज्य सरकार ने मेक इन इंडिया व मेक इन महाराष्ट्र योजना में विदर्भ के चंद्रपुर, अमरावती, गोंदिया व अकोला सहित राज्य के प्रमुख 15 शहरों को विमान सेवा से जोड़ने की योजना बनाई थी। महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमएडीसी) ने इसका प्रस्ताव तैयार किया था। बीते 3 वर्ष से इन शहरों में हवाई यात्रा शुरू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।

इसके पूर्व भी हुए प्रयास
मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के तौर पर नियमित विमान सेवा की सूची में मुंबई, नागपुर, पुणे व औरंगाबाद शामिल हैं। घरेलू उड़ानों के लिए सरकार ने इसके पूर्व भी प्रयास किए थे। सोलापुर, लातूर, कोल्हापुर, नांदेड व नाशिक जैसे शहरों से विमान सेवाएं शुरू की गई थीं, परंतु लोगों का उत्तम प्रतिसाद नहीं मिलने एवं आर्थिक दृष्टि से यह सेवाएं लाभप्रद नहीं होने के कारण संबंधितों को इसे बंद करना पड़ा था।

चंद्रपुर : 46 करोड़ मंजूर
चंद्रपुर जिले के राजुरा तहसील स्थित मूर्ति-विहिरगांव में लोकल एयरपोर्ट बनाने की प्रक्रिया चल रही है। एक साल में इसे विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए सरकार ने 46 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि में जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू किया जाएगा। शेष विकास कार्यों के लिए सर्वेक्षण व अध्ययन की आवश्यता को देखते हुए कंसलटेंट की नियुक्ति की जा चुकी है। रन-वे तथा इमारत आदि आवश्यक संसाधनों को लेकर रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद ही अंतिम बजट सरकार को पेश किया जाएगा।

अमरावती : 75 करोड़ जरूरी
अमरावती जिले में बेलोरा नामक पुराना एयरपोर्ट है, इसके विस्तार पर कार्य चल रहा है। उपयुक्त रन-वे बनाने का लक्ष्य है। एक वर्ष के भीतर इसे विकसित करने की योजना है। यहां से विमानों की उड़ान शुरू करने के लिए महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमएडीसी) को 75 करोड़ रुपए की निधि की आवश्यकता है। सरकार ने इसके लिए बीते वर्ष 15 करोड़ रुपए दिए हैं। इस वर्ष के बजट में 60 करोड़ रुपए की जरूरत है। उम्मीद है कि सरकार से शेष राशि भी प्राप्त हो जाएगी।

गोंदिया : 76 वर्ष के एयरपोर्ट की उपेक्षा
गोंदिया का बिरसी एयरपोर्ट विदर्भ का सबसे पुरातन विमान क्षेत्र है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान वर्ष 1942-43 में इसे बनाया गया था। 1267 एकड़ में फैले इस एयरपोर्ट को 2005 में तत्कालीन उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने आधुनिक रूप दिलाया। यहां प्रतिवर्ष सैकड़ों प्रशिक्षु पायलटों को विमान उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाता है। 6-7 छोटे प्लेन उपलब्ध हैं। यहां से यात्री विमान सेवा तत्काल शुरू की जा सकती है, परंतु बीते 76 वर्ष से इस एयरपोर्ट को लोकल उड़ानों के लिए सदुपयोग नहीं किया जा रहा है।

उड्डयन मंत्री ने दिया आश्वासन
बिरसी (गोंदिया) एयरपोर्ट से तत्काल यात्री विमान सेवा शुरू करने तथा अन्य एयरपोर्ट का शीघ्र विकास करने की मांग को लेकर दिल्ली में केंद्रीय नागरी उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु से भेंट की। 7 अगस्त को हुई इस मुलाकात में विदर्भ के एयरपोर्ट से घरेलू विमानों को उड़ाने संबंधित विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। सुरक्षा संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो से तथा लाइसेंस की स्वीकृति आदि की मंजूरी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से प्राप्त कर घरेलू उड़ान तत्काल शुरू कराने का आश्वासन मिला है। 
-अशोक नेते, सांसद, भाजपा

42 व 72 सीटर विमान उड़ेंगे

एयरपोर्ट विकसित करना महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमएडीसी) का काम है। चंद्रपुर, अमरावती, यवतमाल आदि एयरपोर्ट का विकास कार्य जारी है। अकोला एवं गोंदिया के बिरसी एयरपोर्ट की जिम्मेदारी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधीन है। हमने उन्हें प्रस्ताव भेजा है कि वे इन एयरपोर्ट को हमारे विभाग को हस्तांतरित कर दें। यदि ऐसा हुआ, तो वहां भी घरेलू उड़ानें शुरू की जा सकती हैं। विमानों को कौन-कौन से मार्ग पर चलाना है, इसका फैसला केंद्र सरकार के विभाग लेंगे। मौजूदा गति से काम आगे बढ़ता रहा, तो एक से डेढ़ वर्ष में इन सभी एयरपोर्ट्स पर एटीआर-72 या एटीआर-42 ऐसे छोटे प्लेन उड़ाए जा सकेंगे। सारी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। 42 व 72 सीटर विमानों से विदर्भवासी हवाई यात्रियों को लाभ मिलेगा।
सुरेश काकानी, वाइस चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर, महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एमएडीसी), नागपुर
 

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