यूनिवर्सिटी में 92 शिक्षक पदों पर नियुक्ति को मिली हरी झंडी, सुगबुगाहट शुरू

यूनिवर्सिटी में 92 शिक्षक पदों पर नियुक्ति को मिली हरी झंडी, सुगबुगाहट शुरू

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-23 05:38 GMT
यूनिवर्सिटी में 92 शिक्षक पदों पर नियुक्ति को मिली हरी झंडी, सुगबुगाहट शुरू

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में लंबे समय से लटकी पड़ी 92 शिक्षक पदों की भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी मिल गई है। यूनिवर्सिटी में पदभर्ती के मुद्दे को लेकर राज्य उच्च शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों और यूनिवर्सिटी  अधिकारियों के बीच बैठक हुई, जिसमें मुद्दा उठा कि यूनिवर्सिटी  ने पदभर्ती की अनुमति के लिए पिछड़ावर्ग विभाग के पास जो प्रस्ताव भेजा था, वह लंबे समय से विचाराधीन है।

ऐसे में बैठक में उपस्थित उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग के सचिव सौरभ विजय ने आश्वासन दिया कि वे खुद पिछड़ावर्ग विभाग को जल्द निर्णय लेने के लिए पत्र लिखेंगे। बैठक में अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी  को निर्देश दिए कि वे अपने यहां विदेशी भाषाएं जैसे चाइनीज, जर्मन और अन्य पर पाठ्यक्रम शुरू करें। जिन पाठ्यक्रमों में विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं, उसे बंद करने पर विचार करेें। नए पाठ्यक्रमों के लिए नए शिक्षक पदों को मंजूर करने का आश्वासन भी अधिकारियों की ओर से दिया गया है। 

इसलिए रुकी थी पदभर्ती 

बता दें कि यूनिवर्सिटी  में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। बीते चार वर्ष में कई बार पदभर्ती को लेकर प्रक्रिया शुरू तो हुई, लेकिन किसी न किसी कारण से मामला ठंडे बस्ते में चला गया। पिछली बार जब यह प्रक्रिया शुरू हुई थी, तब सरकार ने सभी गैर-कृषि विश्वविद्यालयों को सुधारित प्रारूप के अनुसार पदभर्ती प्रस्ताव भेजने काे कहा, जिसके बाद सरकार ने यूनिवर्सिटी  को 80 प्रतिशत पद भरने को मंजूरी दी है। इसके अनुसार यूनिवर्सिटी  में कुल 92 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी हुई। लेकिन मामला मराठा आरक्षण को लेकर लटक गया। सरकार द्वारा दिए गए 16 प्रतिशत आरक्षण को बॉम्बे हाईकोर्ट ने घटा का 12 प्रतिशत कर दिया। सरकार को जीआर जारी करके इसे अमल में लाना था, लेकिन अब तक सरकार का जीआर न आने से नागपुर विश्वविद्यालय का पदभर्ती रोस्टर तैयार नहीं हुआ। यही कारण था कि पिछड़ावर्ग विभाग ने पद भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति रोक कर रखी।

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