नागपुर की नाग नदी शुद्धीकरण परियोजना फरवरी 2019 से शुरू

नागपुर की नाग नदी शुद्धीकरण परियोजना फरवरी 2019 से शुरू

Tejinder Singh
Update: 2018-08-23 13:39 GMT
नागपुर की नाग नदी शुद्धीकरण परियोजना फरवरी 2019 से शुरू

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागपुर की नाग नदी को पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त कर इसका मौजूदा स्वरुप बदलने की दिशा में सरकार ने कदम उठाने शुरु कर दिए हैं। इस संबंध में आगामी दिसंबर तक एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करके इसके कायाकल्प की फरवरी 2019 से प्रत्यक्ष रुप से शुरुआत हो जाएगी। केन्द्रीय जल संसाधन एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में गुरुवार को नाग नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने यहां एक अहम बैठक हुई।

बैठक के बाद इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्होने बताया कि इस परियोजना के लिए जपान की जायका कंपनी 751.39 करोड़ रुपए की राशि कर्ज के रुप में उपलब्ध करा रही है। कर्ज की प्रक्रिया के संबंध में अगले एक हफ्ते में सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। बैठक में मौजूद जपान के भारत में राजदूत केंजी हीरामस्तु तथा जायका कंपनी के अधिकारियों ने भी ऋण की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की हामी भरी।

गडकरी ने कहा कि आगामी दिसंबर तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दे दिए गए हैं। इसके बाद इस संबंध में निविदा मंगाई जाएगी और फरवरी 2019 में इसके प्रत्यक्ष काम की शुरुआत कर दी जाएगी। गडकरी ने कहा कि नाग नदी के प्रदूषित पानी से प र्यावरण के लिए समस्या निर्माण हो रही है। इसे देखते हुए नाग नदी शुद्धीकरण प्रकल्प का खाका तैयार कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका पानी शुद्ध करके महाराष्ट्र राज्य बिजली मंडल को दिया जाएगा। जिसके माध्यम से नागपुर महानगर पालिका को सालाना 78 करोड़ रुपए रॉयल्टी के रुप में प्राप्त हो सकेंगे।

परियोजना पर खर्च होंगे 1252 करोड़
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि नाग नदी के शुद्धीकरण प्रकल्प को केन्द्र सरकार की ओर से 14 जून 2016 में मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना को पूरा करने के लिए कुल 1252.33 करोड़ रुपए लागत आएगी। इसमें से 60 प्रतिशत केन्द्र सरकार,  25 प्रतिशत यानी 313.8 करोड़ रुपए राज्य सरकार और नागपुर महानगर पालिका 15 फीसदी (187.84 करोड़ रुपये) खर्चा वहन करेगी। जबकि जायका कंपनी की ओर से 751.39 करोड़ रुपए कर्ज के रुप में लिए जाएंगे।

ग्रीन बसेस की समस्या जल्द होगी हल
इसके बाद नागपुर में ग्रीन बसेस के परिचालन में आ रही समस्याओं को लेकर बैठक हुई। गडकरी ने बताया कि इस समस्या पर चर्चा हुआ ओर इसका हल भी निकाल लिया। उन्होंने कहा कि शहर के वाडी क्षेत्र की 6 एकड़ जमीन तथा खापरी परिसर की 9 एकड़ भूमि पर ‘निर्माण, उपयोग तथा हस्तांतरित करों’ तर्ज पर बस पोर्ट तैयार किया जाएगा। बैठक में स्वीडन के राजदूत क्लास मोलीस, नागपुर महानगर पालिका की परिवहन समिति के सभापती बंटी कुकडे, विधायक कृष्णा खोपडे, विकास कुंभारे, जिलाधिकारी अश्विन मद्गल, प र्यावरण विभाग के प्रधान सचिव अनिल डिग्गीकर समेत अन्य मौजूद थे।
 

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