नानाजी देशमुख यूनिवर्सिटी कुलपति पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटाई

नानाजी देशमुख यूनिवर्सिटी कुलपति पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-22 08:38 GMT
नानाजी देशमुख यूनिवर्सिटी कुलपति पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने पर लगी रोक हाईकोर्ट ने हटाई

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने नानाजी देशमुख वेटरनरी यूनिवर्सिटी (वीयू) जबलपुर के कुलपति पीडी जुयाल पर दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने पर लगाई रोक हटा ली है। जस्टिस वीपीएस चौहान की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा कि शिकायतकर्ता महिला कोर्ट में हाजिर हो चुकी है, इसलिए दुष्कर्म की एफआरआई दर्ज करने पर लगी रोक बरकरार रखना जरूरी नहीं है।

ऑफिस में बुलाकर दुष्कर्म किया

जेएमएफसी निधि जैन ने 29 दिसंबर 2018 को सिविल लाइन्स पुलिस को आदेश दिया था कि वीयू कुलपति पीडी जुयाल के खिलाफ धारा 376 (2) और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की जाए। यह आदेश संजीवनी नगर गढ़ा निवासी एक महिला की ओर से दायर परिवाद में दिया गया था। महिला की ओर से दायर परिवाद में कहा गया कि वेटरनरी कॉलेज में इलाज के दौरान उसके पालतू डॉगी की मौत हो गई। इसकी शिकायत करने वह वेटरनरी यूनिवर्सिटी के कुलपति पीडी जुयाल के पास गई थी। इसके चलते उसकी कुलपति से जान-पहचान हो गई। कुलपति ने नौकरी देने के बहाने उसे यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में बुलाया और उससे शारीरिक संबंध बनाने की पेशकश की, लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसके बाद कुलपति ने अपने ऑफिस में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। परिवाद में कहा गया कि 17 मार्च 2018 को कुलपति ने रीवा के एक होटल में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया।

हाईकोर्ट ने लगाई थी सशर्त रोक 

पीडी जुयाल की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए है। साजिश के तहत महिला को टूल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। अभी तक महिला के बयान दर्ज नहीं हुए है। पुलिस महिला को तलाश नहीं कर पा रही है। 8 फरवरी 2019 को हाईकोर्ट ने महिला के बयान होने तक पीडी जुयाल के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने पर रोक लगा दी थी। महिला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस दुबे और अमन शर्मा ने तर्क दिया कि महिला पुलिस में बयान दर्ज करा चुकी है। महिला कोर्ट में भी हाजिर होकर बयान देने की पुष्टि कर चुकी है। इसलिए एफआईआर दर्ज करने पर लगी रोक को हटाया जाए। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने कुलपति के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करने पर लगाई गई रोक हटा ली है।

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