बस दुर्घटना में एक मात्र जीवित बचे देसाई का हो नार्को, मृतकों के परिजन को संदेह 

 बस दुर्घटना में एक मात्र जीवित बचे देसाई का हो नार्को, मृतकों के परिजन को संदेह 

Tejinder Singh
Update: 2018-08-30 16:47 GMT
 बस दुर्घटना में एक मात्र जीवित बचे देसाई का हो नार्को, मृतकों के परिजन को संदेह 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाबलेश्वर में कृषि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को पिकनिक ले जा रही बस के खाई में गिरने के बाद एक मात्र जीवित बचे यात्री प्रकाश सावंत-देसाई का नार्कोटेस्ट कराने की मांग की गई है। आंबेनली घाट पर हुई इस बस हादसे में 30 लोग मारे गए थे।

अब हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों ने विश्वविद्यालय के कुल सचिव से प्रकाश सावंत देसाई को नौकरी से बर्खास्त कर उसकी जांच सीआईडी से कराने की मांग की है। परिजनों ने मांग की है कि सावंत का नार्कोटेस्ट कराया जाए ताकि घटना से जुड़ा सच सामने आ सके। परिजनों का कहना है कि इतने बड़े हादसे में वह अकेला कैसे जीवित बच गया। ऐसे में इस मामले में कोई साजिश भी हो सकती है। इसलिए सावंत का नार्कोटेस्ट कराया जाना चाहिए। क्योंकि यह हादसा दुर्घटना नहीं एक षडयंत्र जैसा नजर आ रहा है।

परिजनों के साथ इस मामले को लेकर राजनीतिक दल के नेताओं ने भी विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक संजय कदम,अशोक पाटील भी शामिल हुए। और उनके नेतृत्तव में विश्वविद्लाय के कुल सचिव सुभाष चव्हाण को एक ज्ञापन भी सौपा गया।

चव्हाण ने इस प्रकरण में परिजनों को आक्रोश को देखते हुए कहा कि विश्वविद्लाय भी इस मामले की जांच कर रहा है। जब तक प्रकरण की जांच पूरी नहीं हो जाती है तब तक के लिए प्रकाश सावंत-देसाई को छुट्टी पर भेजा गया है। इसके साथ ही हम पुलिस से उसका नार्कोटेस्ट कराने के विषय में भी पुलिस से आग्रह करेगे। 

 

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