नशे के सौदागरों को मिले फांसी की सजा, विधानसभा में अजित पवार की मांग 

नशे के सौदागरों को मिले फांसी की सजा, विधानसभा में अजित पवार की मांग 

Tejinder Singh
Update: 2019-06-28 12:34 GMT
नशे के सौदागरों को मिले फांसी की सजा, विधानसभा में अजित पवार की मांग 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा नेता अजित पवार ने नशीले पदार्थों के कारोबार में लिप्त आरोपियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान करने की मांग की है। उन्होंने के कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन के चलते युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है। इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पवार ने कहा कि कुछ देशों के लोग यहां आकर नशे का कारोबार करते हैं ऐसे लोगों को देश में आने पर रोक लगानी चाहिए।

राकांपा के जितेंद्र आव्हाड यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि आजकल ज्यादातर मामलों में पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं। पीठ पीछे उनके बच्चे क्या कर रहे हैं इसपर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। ऐसे बच्चे नशे के कारोबारियों के चंगुल में फंस रहे हैं। सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए गृहराज्यमंत्री डा रणजीत पाटील ने बताया कि नशे के कारोबारियों के खिलाफ कानून कड़े किए गए हैं, जिन मामलों में दो साल तक की सजा का प्रावधान था उसे बढ़ा कर 10 साल कर दिया गया है, जबकि 10 साल तक सजा के प्रावधान वाले मामलों में सजा बढ़ाकर 20 साल तक कर दी गई है। उन्होंने बताया कि राज्य में इस साल अब तक नशीले पदार्थ रखने के आरोप में 461 जबकि इसके सेवन के आरोप में 6314 मामले दर्ज किए गए है।

साल 2018 में राज्यभर में नशीले पदार्थ रखने के 751 और सेवन के 11443 मामले दर्ज किए गए थे। उन्होंने बताया कि मुंबई की तरह नागपुर, पुणे, ठाणे आयुक्तालयों में नशीले पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एंटी नार्कोटिक्स सेल बनाए गए हैं। इसके अलावा औरंगाबाद शहर, नाशिक शहर और रायगढ जिलों में भी स्वतंत्र नशा विरोधी पथक तैयार किया गया है। राज्य के दूसरे हिस्सों में अपराध शाखा ही नशीले पदार्थों के कारोबार के मामलों में कार्रवाई करती है। 

 

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