9 गांवों के जिंदा लोगों को मृत बताकर रखा मतदान से वंचित

9 गांवों के जिंदा लोगों को मृत बताकर रखा मतदान से वंचित

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-13 12:25 GMT
9 गांवों के जिंदा लोगों को मृत बताकर रखा मतदान से वंचित

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। लोकसभा चुनाव में कई तकनीकी खामियों के बाद अब कोरपना तहसील में चुनाव के दौरान गड़बड़ी करने आरोप लगाया जा रहा है। इस संदर्भ में जनहित याचिका दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। चुनाव के बाद से मिल रही शिकायतें अभी भी जारी है। शनिवार को कोरपना तहसील की सामाजिक संस्था ने मतदाता सूची में धांधली का गंभीर आरोप लगाकर एक ओर जहां चुनाव विभाग की मतदाता सूची का सुधारीकरण एक दिखावा बताया, वहीं मतदान से वंचित रहे हजारों लोगों के न्याय के लिए अब जनहित याचिका दायर करने की तैयारी कर ली है।

10 वर्षों से अपडेट नहीं हुई मतदाता सूची
तहसील के विविध 9 गांवों के जिंदा लोगों को चुनाव विभाग ने मृत करार देकर खलबली मचा दी है। वहीं 20 सालों से स्थानांतरित मतदाता सूची में लोगों के नाम जस के तस हैं। इस तरह से 10  सालों में भी मतदाता सूची अपडेट न होने का आरोप लगाते हुए असंतोष जताया जा रहा है। जनसत्याग्रह संगठन का कहना है कि चुनाव आयोग हर चुनाव के परिप्रेक्ष्य में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण करता है। परंतु वास्तव में पुनरीक्षण, सुधार व अपडेट नहीं होता। मतदाता सूची अपडेट हुई या नहीं इसकी जिम्मेदारी से संबंधित विभाग द्वारा पल्ला झाड़ा जा रहा है।

जनहित याचिका की तैयारी
जनसत्याग्रह संगठन के अध्यक्ष सैयद आबिद अली ने शनिवार को कोरपना में पत्र परिषद में बताया कि सुधारित सूची में हटाए गए नामों को फिर से शामिल कर चुनाव विभाग ने इस सूची में कागजों को बढाने का काम इस बार किया है। तहसील में 9 स्थानों पर जिंदा मतदाताओं को मृत दिखाने का काम भी चुनाव विभाग ने किया है। इसमें नामों की खोज में ही इस बार चुनाव में लोगों का समय जाया हुआ और हजारो लोग मतदान से चूक गए। इस पूरी धांधली के खिलाफ जनहित याचिका दायर की जा रही है, ऐसी जानकारी उन्होंने दी।

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