उड़ान रद्द होने के कारण हनीमून पर नहीं जा सके नव दंपति, छह साल बाद मिलेगा मुआवजा

उड़ान रद्द होने के कारण हनीमून पर नहीं जा सके नव दंपति, छह साल बाद मिलेगा मुआवजा

Tejinder Singh
Update: 2019-09-21 13:39 GMT
उड़ान रद्द होने के कारण हनीमून पर नहीं जा सके नव दंपति, छह साल बाद मिलेगा मुआवजा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य उपभोक्ता आयोग ने नवविवाहित जोड़े की हानीमून ट्रिप रद्द होने के मामले में थाई एयरवेज को नव दंपति को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। आयोग ने कहा कि यदि एयरवेज के लिए दंपति को यात्रा के लिए बोर्डिंग पास देना संभव नहीं था तो इसके बारे में उसे दंपति को अग्रिम सूचना देनी चाहिए थी। ताकि वे अपनी वैकल्पिक व्यववस्था कर सके। किसी भी नवविवाहित जोड़े के लिए हानीमून एक खास मौका होता है। लेकिन थाइएयरवेज के चलते नवविवाहित जोड़े को काफी असुविधा व निराशा का सामना करना पड़ा है। लिहाजा नवविवाहित जोड़ा मुआवजे के लिए पात्र है। यह बात कहते हुए आयोग ने थाई एयरवेज को नव दंपति को यात्रा रद्द होने के चलते हुए नुकसान के लिए 2 दो लाख 60 हजार रुपए नौ प्रतिशत ब्याज के साथ (दिसंबर 2013 से) देने का निर्देश दिया है। यहीं नहीं आयोग ने हानीमून ट्रिप रद्द होने के चलते नवविवाहित जोड़े को हुई मानसिक-शारिरिक यातना तथा मुकदमे के खर्च सहित एक लाख 20 हजार रुपए देने को कहा है। 

महानगर के सायन इलाके में रहनेवाले रमेश व रुपाली शाह (परिवर्तित नाम) ने  हनिमून के लिए साल 2013 में एक लाख 30 हजार रुपए खर्च कर मुंबई से आक्लैंड (न्यूजीलैंड) वाया बैंकाक के लिए थाई एयरवेज से टिकट बुक की थी। लेकिन जब दोनों एयरपोर्ट पर पहुंचे तो एयरलाइन के स्टाफ ने उन्हें मुंबई से बैंकाक का बोर्डिंग पास दे दिया लेकिन आक्लैंड (न्यूजीलैंड) की फ्लाइट का बोर्डिंग पास नहीं दिया। दंपति को बताया गया कि वे वहां नहीं जा सकते है। एयरलाइन की सेवा की इस कमी से रमेश हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने मुआवजे की मांग को लेकर पहले जिला उपभोक्ता फोरम में शिकायत की। लेकिन फोरम ने एयरलाइन के पक्ष में फैसला सुनाया।

एयरलाइंस ने दावा किया कि रमेश की पत्नी का सिर्फ न्यूजीलैंड जाने का टिकट था। वापसी का टिकट नहीं था। न्यूजीलैंड के इमिगरेशन के नियमों के मुताबिक ऐसे यात्री को अयोग्य यात्री माना जाता है।  जिला  उपभोक्ता फोरम के फैसले के खिलाफ दंपति ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील की। आयोग ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद फोरम के आदेश को रद्द कर दिया और दंपति के पक्ष में फैसला सुनाया। 

Tags:    

Similar News