महाराजबाग के नीलगाय को मिलेगा नया घर , इन्ट्री करते ही देखने मिलेगा बाड़ा

महाराजबाग के नीलगाय को मिलेगा नया घर , इन्ट्री करते ही देखने मिलेगा बाड़ा

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-30 09:36 GMT
महाराजबाग के नीलगाय को मिलेगा नया घर , इन्ट्री करते ही देखने मिलेगा बाड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  महाराजबाग में रखी नीलगाय को अब नया घर मिलनेवाला है। जू में इन्ट्री करते ही इनके लिए बड़ी जगह  तैयार की गई है जहां इन्हें रखा जाएगा। जिससे एक ओर उन्हें घूमने-फिरने के लिए अच्छी जगह मिलेगी, वहीं सैलानियों को इन्हें साफ-तौर पर देखने काे भी मिलेगा। वर्तमान स्थिति में नीलगायों को जहां रखा है, वहां सैलानी इन्हें ठीक से नहीं देख पाते हैं।  नीलगाय की संख्या बढ़ने से भी इन्हें नये बाड़े में रखने की व्यवस्था की जा रही है। इनके खाली होनेवाले बाड़े में दूसरे वन्यजीवों को रखा जा सकता है।

महाराजबाग जू में प्रतिदिन सैकड़ों सैलानी आते हैं। हरियाली के बीच उन्हें बाघ से लेकर तेंदुआ, तोता से लेकर दुर्लभ प्रजाति के पक्षी देखने मिलते हैं। वर्तमान  में यहां 11 नीलगाय रखी गई है जो कि जू के पिछली दिशा में है। यह बाड़ा इनकी संख्या के अनुसार छोटा है। बाड़े के एक तरफ से ही नीलगाय को देखा जा सकता है। दूसरी तरफ से बाघ का बाड़ा व एक ओर से लोमड़ी का बाड़ा रहने से यहां आनेवालों को नीलगाय की मौजूदगी का पता ही नहीं चलता । ऐसे में प्रशासन की ओर से नीलगाय को जू में इन्ट्री करते ही बनाये जा रहे बाडे में रखा जाएगा ताकि इन्हें आसानी से देखा जा सके।

आ सकते हैं नये वन्यजीव 
महाराजबाग जू के विकास को लेकर गतिविधियां शुरू है। ऐसे में यहां नये वन्यजीवों को भी लाया जा सकता है। वर्तमान स्थिति में यहां केवल एक बाघिन ही है। ऐसे में एक बाघ की भी दरकार बन रही है। नीलगाय को जिस बाड़े में रखा गया है, वह बाघ के बाड़े से लगकर ही है। ऐसे में नीलगाय की यहां से रवानगी के बाद यहां अन्य मांसाहारी वन्यजीव को जगह मिल सकती है। महाराजबाग में गत कुछ वर्ष पहले तक शेर की मौजूदगी थी लेकिन इसके बाद यहां शेर नहीं है। हालांकि यहां आनेवालों को शेर की कमी जरूर खलती है। ऐसे में नये वन्यजीवों में यहां शेर का आगमन होने की बात से सीधेतौर पर इंकार नहीं किया जा सकता है।

उदबिलाव को वर्षों से रखा नजरों से परे 
महाराजबाग में 2 उदबिलाव भी रखे हैं। जिन्हें शायद ही किसी ने देखा है। इसका मुख्य कारण वर्षों से इन वन्यजीवों को स्थाई पिंजरा नहीं मिला है। उन्हें प्रशासकीय कार्यालय के समीप हाथों से बनाये पिंजरे में रखा गया है। डिस्प्ले में नहीं रखे जाने से इसे कोई देख ही नहीं पाता है। ऐसे में इनके लिए भी यहां नई व्यवस्था की दरकार बन रही है।

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