ऑरेंज सिटी क्राफ्ट मेले की नितिन गडकरी ने सराहना, कहा- कलाकारों का हौसला बढ़ाएं

ऑरेंज सिटी क्राफ्ट मेले की नितिन गडकरी ने सराहना, कहा- कलाकारों का हौसला बढ़ाएं

Anita Peddulwar
Update: 2018-01-13 11:21 GMT
ऑरेंज सिटी क्राफ्ट मेले की नितिन गडकरी ने सराहना, कहा- कलाकारों का हौसला बढ़ाएं

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने शहरवासियों का मन मोह लिया। पहले दिन मेले में भारी भीड़ उमड़ी। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र एक ऐसा मंच है, जहां कलाकारों को प्रोत्साहन के साथ विशिष्ट पहचान भी मिलती है। यह विचार व्यक्त किए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने। उन्होंने कहा कि यहां विकास के विभिन्न आयाम स्थापित हुए हैं। इन नवाचारों से केंद्र ने कला के  क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। यहां आए शिल्पकार अपने कलात्मक उत्पादों से हमारी कला और संस्कृति की पहचान को मजबूत कर रहे हैं। वहीं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर जम्मू-कश्मीर की पारंपरिक संस्कृति मंच पर नजर आई। श्री गडकरी ने कहा कि पारंपारिक हस्तकलाकारों का हौंसला बढ़ाएं और उनके हस्तशिल्प को खरीदें। श्री गडकरी व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मेले का उद्घाटन किया।
विभिन्न राज्यों के कलाकार शामिल हुए
इस अवसर पर नागपुर की महापौर नंदा जिचकार तथा केंद्र के वरि. लेखा एवं प्रशासकीय अधिकारी सुदर्शन पाटिल, कार्यक्रम अधिकारी दीपक कुलकुर्णी उपस्थित थे। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा आयोजित 25वें आरेंज सिटी क्रॉफ्ट मेले में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में कश्मीर के कलाकारों ने लोकनृत्य और संगीत की प्रस्तुत किए। सूफी संगीत, कव्वाली, रूफ डांस जैसे पारंपरिक कश्मीरी नृत्य और संगीत पेश किए गए। केंद्रीय मंत्री ने मेले में पधारे सभी स्टालों को भेंट दी और हस्तशिल्पकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं का निरीक्षण कर उनकी तारीफ की। उद्घाटन के पश्चात सभी मान्यवरों का स्वागत केंद्र के वरि. लेखा एवं प्रशासकीय अधिकारी सुदर्शन पाटील ने पुष्पगुच्छ देकर किया।

सहयोग का आश्वासन दिया : श्री गडकरी ने केंद्र के सभी उपक्रमों की तारीफ की, साथ ही केंद्र द्वारा आयोजित किए जानेवाले विविध कार्यक्रमों के आयोजन में सहकार्य करने का आश्वासन दिया। उसके पश्चात पारंपरिक लोकनृत्यों की प्रस्तुतियां हुईं, जिसमें मुख्यत: मध्यप्रदेश का भगोरिया, छत्तीसगढ़ का ककसार, कर्नाटक का ढोलू कुनिथा, जम्मू-कश्मीर का रौफ नृत्य, ओडिशा का गुबकुडु नृत्य, उत्तर प्रदेश का होली नृत्य, त्रिपुरा का होजागिरी नृत्य आदि नृत्यों की रंगारंग प्रस्तुतियां हुईं।

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