Bhaskar Hindi
Update: 2017-05-27 00:10 GMT
टीम डीजिटल, नई दिल्‍ली. बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार को सोनिया गांधी की लंच पार्टी में तो नहीं पहुंच सके लेकिन उसके एक दिन बाद ही शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ लंच करने के लिए दिल्‍ली आ रहे हैं.

कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के लंच पार्टी में हिस्‍सा लेने के लिए उन्‍होंने जदयू प्रतिनिधि भेजा था. दरअसल पीएम नरेंद्र मोदी मॉरीशस के प्रधानमंत्री अनिरूद्ध जगन्‍नाथ के सम्‍मान में लंच का आयोजन करेंगे और उन्‍होंने इसमें शामिल होने के लिए नीतीश कुमार जैसे वरिष्‍ठ नेताओं को आमंत्रित किया है.

शुक्रवार को मोदी सरकार के तीन साल होने पर विपक्षी एकजुटता दिखाने के लिए कांग्रेस अध्‍यक्ष की तरफ से रखी गई लंच पार्टी में नीतीश कुमार की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बनी है. उसके बाद पीएम मोदी के कार्यक्रम में शिरकत करने के उनके फैसले के बाद राजनीतिक चर्चाएं तेज हो गई हैं. दरअसल यह ऐसे समय पर हो रहा है जब कांग्रेस 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी दलों के साथ एक महागठबंधन की संभावनाएं तलाश रही है.

हालांकि पटना में कैबिनेट की बैठक के बाद नीतीश ने कहा कि शुक्रवार के भोज में शामिल न होने का लोग अनावश्‍यक ही गलत अर्थ लगा रहे हैं जबकि कांग्रेस महासचिव अहमद पटेल को उन्होंने पांच दिन पहले ही बता दिया था कि उनकी पार्टी की तरफ से पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव शामिल होंगे और कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी द्वारा आयोजित बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उसपर उन्होंने अपनी राय बता दी थी. नीतीश कुमार ने कुछ दिनों पूर्व ही ये घोषणा कर दी थी कि राष्ट्रपति चुनाव पर वर्तमान मोदी सरकार को आम सहमति बनाने के लिए पहल करनी चाहिए. और शुक्रवार को बैठक में भी इस आशय का प्रस्ताव पारित किया गया. लेकिन नीतीश ने कहा कि महागठबंधन के सभी फैसले का वो आदर करते हैं.

लेकिन शनिवार को दोपहर के भोजन के बाद नीतीश कुमार ने माना कि उन्होंने अलग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गंगा नदी में गाद की समस्या पर चर्चा के लिए समय मांगा है और उन्हें सूचना दी गयी है कि ये बैठक शनिवार को भोज के बाद होगी. नीतीश ने कहा कि इस बैठक में उनके साथ बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह भी मौजूद रहेंगे. इस बैठक के एजेंडा को साफ़ करते हुए नीतीश ने कहा कि वो गंगा नदी की गाद को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिस गंगा की अविरलता की बात कर रही है वो गंगा में गाद के जमा होने तक संभव नहीं. नीतीश चाहते हैं कि केंद्र एक बार फिर इस समस्या के अध्ययन के लिए स्थल के निरीक्षण के लिए एक टीम भेजे.

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