मनपा ने दूसरे की जमीन पर बना दी भव्य इमारत व स्केटिंग ग्राउंड
मनपा ने दूसरे की जमीन पर बना दी भव्य इमारत व स्केटिंग ग्राउंड
डिजिटल डेस्क, नागपुर। आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रही मनपा जनता से टैक्स के रूप में मिले निधि का किस तरह इस्तेमाल करती है, इसका अनुमान जलालपुरा पुलिस चौकी के सामने दूसरे की जगह पर 65 लाख रुपए खर्च कर बनाई गई भव्य इमारत व स्केटिंग ग्राउंड को देखकर लगाया जा सकता है। जमीन के पुख्ता दस्तावेज नहीं होने के बावजूद मनपा ने सभी आपत्तियों को दरकिनार कर जमीन कब्जे में ली और निर्मायकार्य पर 65 लाख रुपए खर्च कर दिए। कोर्ट ने मनपा को तगड़ा झटका देते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया। कोर्ट के आदेश पर स्केटिंग ग्राउंड की सुरक्षा दीवार जमींदोज कर मूल जमीन मालिक को कब्जा दिया गया। जनता के 65 लाख रुपए किसने व किसके आदेश पर यहां खर्च हुए यह सवाल अभी भी बना हुआ है।
मनपा कर्मचारी रामलाल सतभैया की जलालपुरा पुलिस चौकी के सामने 5 हजार वर्गफीट जगह है। रामलाल परिवार सहित सूभेदार ले आउट रहने चले गए थे। मनपा ने 2012 में यह खाली भूखंड हथियाने की कोशिश शुरू की। मनपा की चाल को भांपते हुए सतभैया परिवार ने मनपा को पत्र लिखकर जमीन पर दावा पेश किया। मनपा प्रशासन ने सतभैया परिवार के पत्र को तवज्जो न देते हुए इमारत निर्माण संबंधी प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद सतभैया परिवार ने मनपा की प्रक्रिया पर आपत्ति जताते हुए निर्माण कार्य नहीं करने को कहा। साथ ही जमीन के संबंध में दस्तावेज भी दिखाए। मनपा ने इन आपत्तियों को दरकिनार करते हुए यहां एक हिस्से में 2 मंजिला भव्य इमारत बना दी। इसके बाद भी चार हजार वर्गफीट से ज्यादा की जमीन खाली पड़ी थी।
मनपा ने इस खाली भूखंड पर स्केटिंग ग्राउंड का प्रपोजल लाया। 2014 से टेंडर फ्लोट किए गए। ठेकेदार तय हुआ। इसके बाद ठेका जारी हुआ और पार्ट-पार्ट में यहां स्केटिंग ग्राउंड व चारों और सुरक्षा दीवार बनाई गई। इसके अलावा रेलिंग व बड़ा गेट भी लगाकर सुरक्षा रक्षक तैनात कर दिए गए। यह निर्माण कार्य 2018 तक चला। सतभैया परिवार लगातार कोर्ट के माध्यम से मनपा प्रशासन की कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए जमीन पर दावा करता रहा, लेकिन उनकी आपत्ति व दावों पर विचार नहीं किया गया। दीवानी न्यायाधीश वरिष्ठ स्तर ने 2018 में मनपा के कब्जे को खारिज करते हुए सतभैया परिवार को जगह लौटाने के आदेश दिए थे। जब इस पर अमल नहीं हुआ तो कोर्ट के बेलिफ को साथ लाकर हाल ही में इस स्केटिंग ग्राउंड को ध्वस्त कर दिया गया। सुरक्षा दीवार भी जमींदोज कर दी गई। सतभैया परिवार को मनपा की इमारत रेडीमेड मिल गई। खाली भूखंड समेत इस इमारत पर सतभैया परिवार का कब्जा हो गया।
सिटी सर्वे का कारनामा
सिटी सर्वे ने इस जमीन के रिकार्ड पर महाराष्ट्र सरकार लिख दिया। कोर्ट में दलील यह दी गई कि सर्वे के दौरान कोई मिला नहीं, इसलिए यह लिख दिया गया। राज्य सरकार ने जमीन का अधिकार मनपा को नहीं दिया था, फिर मनपा ने किस आधार पर यहां कब्जा किया, यह सवाल बना हुआ है। कोर्ट ने मनपा व सिटी सर्वे को कॉस्ट (जुर्माना) भी किया है।
जिम्मेदारी तय होगी
जिस वक्त इमारत व स्केटिंग ग्राउंड बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई, उस वक्त सतभैया परिवार की तरफ से कौन से शिकायत पत्र मिले, क्या आब्जेक्शन लिया गया था और कौन से जमीन संबंधी दस्तावेज पेश किए गए थे, इसे देखा जाएगा। कोर्ट के आदेश को भी देखा जाएगा। हमारा पक्ष मजबूत होगा तो आदेश काे चुनौती दी जाएगी। सतभैया परिवार के दावे में दम था, तो क्यों सुनवाई नहीं हुई आैर इतना पैसा खर्च करने की जरूरत क्यों महसूस हुई, इसे भी देखा जाएगा। हर काम मेरिट पर होगा। पैसे की फिजूलखर्ची बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी दोषी पाए गए तो संबंधितों की जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जाएगी।
- अभिजीत बांगर, मनपा आयुक्त