शिवसेना ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव नौटंकी के अलावा कुछ नहीं, इसलिए बनाई दूरी

शिवसेना ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव नौटंकी के अलावा कुछ नहीं, इसलिए बनाई दूरी

Tejinder Singh
Update: 2018-07-20 16:30 GMT
शिवसेना ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव नौटंकी के अलावा कुछ नहीं, इसलिए बनाई दूरी
हाईलाइट
  • विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को नौटंकी बताते हुए शिवसेना से इससे दूर रहने की बात कही।
  • उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सभी लोकसभा सांसदों को संसद में नहीं जाने को कहा।
  • शिवसेना नेता ने कहा कि हम लोग इस झमेले में नहीं पड़ेंगे।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ संसद में पेश विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को नौटंकी बताते हुए शिवसेना से इससे दूर रहने की बात कही। शुक्रवार को शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने कहा कि पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के सभी लोकसभा सांसदों को संसद में नहीं जाने को कहा। शिवसेना अविश्वास प्रस्ताव पर तटस्थ रहेगी। राऊत ने कहा कि संसद में अविश्वास प्रस्ताव का नाटक चल रहा है। एक दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। शिवसेना इससे दूर रहेगी।

शिवसेना नेता ने कहा कि हम लोग इस झमेले में नहीं पड़ेंगे। देश में क्या वातावरण है। यह सभी को बता है। लोगों में काफी नाराजगी है। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार की नीतियों और फैसलों की लगातार आलोचना करने वाली शिवसेना ने संसद में टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव पर मोदी सरकार का साथ नहीं दिया। सत्ता में रहने के बावजूद सहयोगी दल भाजपा के दूर दिखने की रणनीति के तहत शिवसेना ने अविश्वास प्रस्ताव पर तटस्थ रहने की भूमिका अपनाई है।

केंद्र सरकार के बुलेट ट्रेन, कोंकण ग्रीन रिफायनरी परियोजना, नोट बंदी समेत कई महत्वपूर्ण फैसलों की खुले आम आलोचना करने वाली शिवसेना यदि संसद में भाजपा के साथ खड़ी नजर आती है तो इससे पार्टी की दोहरी भूमिका का संदेश जाता। शिवसेना ने आगामी चुनाव अकेले लड़ने कि घोषणा पहले ही कर रखी है। इस कारण शिवसेना ने बीच का रास्ता अपनाते हुए संसद में गैरहाजिर रहने का फैसला किया। हालांकि शिवसेना के भीतर संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर भाजपा सरकार के पक्ष में मतदान करने को लेकर आखिर तक असमंजस देखने को मिला।

इससे पहले लोकसभा में शिवसेना के मुख्य सचेतक चंद्रकांत खैरे ने व्हीप जारी कर दिया था। पर उन्होंने दावा किया है कि पार्टी ने कोई व्हीप जारी नहीं किया था। बीते महीने शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को मानने के लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मातोश्री आए थे। लेकिन शिवसेना के इस रूख से स्पष्ट है कि पार्टी की तल्खी अभी भी बरकरार है।

शिवसेना सिर्फ कागजों पर एनडीए के साथ

दूसरी ओर शिवसेना ने अपने मुख पत्र के माध्यम से अविश्वास प्रस्ताव के बहाने भाजपा की जमकर आलोचना की। मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा गया है कि बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जो बहुमत हासिल किया है वह ही संदेह के घेरे में हैं। पार्टी ने सवाल किया है कि कल तक एनडीए का हिस्सा रहा तेलगु देशम आज मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला ने को मजबूर हुआ? संपादकीय में यह भी कहा है कि हमेशा भाजपा का साथ देने वाली शिवसेना सिर्फ कागजों पर ही एनडीए के साथ है।  
 

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