डिजिटल इंडिया में इंस्टेंट मनीऑर्डर का नहीं हो रहा उपयोग, साल भर से नहीं हुआ इस्तेमाल

डिजिटल इंडिया में इंस्टेंट मनीऑर्डर का नहीं हो रहा उपयोग, साल भर से नहीं हुआ इस्तेमाल

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-19 06:03 GMT
डिजिटल इंडिया में इंस्टेंट मनीऑर्डर का नहीं हो रहा उपयोग, साल भर से नहीं हुआ इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिजिटल इंडिया में डाक विभाग की इंस्टेंट मनीआर्डर योजना को कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है। नागपुर से पिछले दो वर्ष में सिर्फ एक इंस्टेंट मनीऑर्डर भेजा गया है। टेलीग्राम की तरह यह योजना भी बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। इंस्टेंट मनीऑर्डर वेब पर आधारित सेवा है। कुछ ही मिनटों में एक शहर से दूसरे शहर में अपनों की आर्थिक सहायता की जा सकती है। 1000 से 50 हजार रुपए तक इस सेवा से भेजे जा सकते हैं। 

ऐसे भी जा सकती है रकम
इसके लिए डाक कार्यालय में जाने पर इंस्टेंट मनीऑर्डर का फार्म भरना होता है। फार्म और रकम काउंटर पर जमा करने के बाद एक सीलबंद रसीद दी जाएगी। इस रसीद में 16 अंकों का सीक्रेट कोड रहेगा। यह कोड डाक रसीद देने वाले क्लर्क को भी पता नहीं चलता। इस रसीद का कोड जिस व्यक्ति को रकम भेजनी है, उसे भेजना होगा। इसके लिए फोन कॉल, एसएमएस, वॉट्सएप, ई-मेल आदि कोई भी रास्ता अपनाया जा सकता है। जिस व्यक्ति को रकम प्राप्त करनी है, उसे इंस्टैंट मनीऑर्डर सेवा देने वाले डाक कार्यालय में एक फार्म भरकर देना पड़ता है। फार्म में रकम भेजने वाले से प्राप्त कोड नंबर लिखकर पहचान-पत्र के साथ फार्म जमा करने पर तत्काल रकम दी जाती है। 

पहचान के दस्तावेज 
इंस्टैंट मनीऑर्डर की रकम प्राप्त करने के लिए कोई भी एक पहचान पत्र जरूरी है। जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, राशनकार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि।

सेवा इसलिए लड़खड़ाई
जानकारों की मानें तो इस योजना के लड़खड़ाने की वजह बैंक एटीएम, नेट बैंकिंग तथा आर्थिक व्यवहार के लिए अन्य सुविधाएं हैं, जिसकी प्रक्रिया काफी आसान है। इंस्टैंट मनीऑर्डर के लिए भेजने वाले और प्राप्त करने वाले दोनों को डाक घर जाना जरूरी है। इस खामी के चलते यह योजना लड़खड़ा गई है।

इस तरह है कमीशन
रकम                                  कमीशन
1000 से 10000 रुपए          100 रुपए
1001 से 30000 रुपए          110 रुपए
30001 से 50000 रुपए        120 रुपए

कोई प्रतिसाद नहीं  
इंस्टेंट मनीऑर्डर को नागरिकों का प्रतिसाद नहीं है। पिछले वर्ष एक व्यक्ति ने इंस्टेंट मनीऑर्डर भेजा था। चालू वर्ष में अभी तक एक भी व्यक्ति इंस्टैंट मनीऑर्डर भेजने नहीं आया।
- सुजीत लांडगे, सहायक अधीक्षक, जीपीओ

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