ग्रंथालय में खाली पड़े हैं आधे से अधिक पद, RTI से सामने आया

ग्रंथालय में खाली पड़े हैं आधे से अधिक पद, RTI से सामने आया

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-30 16:04 GMT
ग्रंथालय में खाली पड़े हैं आधे से अधिक पद, RTI से सामने आया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मनपा के अधिकार क्षेत्र में चल रहे वाचनालयों की स्थिति सभी जानते हैं। चुनिंदा वाचनालयों को छोड़ दिया जाये तो अधिकतर की स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में यह खबर चौंकाने वाली है कि मनपा की ओर से ग्रंथालय प्रबंधन के लिए समुचित व्यवस्था ही नहीं कराई जा रही है और ग्रंथालय प्रबंधन से जुड़े आधे से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। स्थिति यह है कि ग्रंथालयों या वाचनालयों के रख-रखाव और दुरुस्ती व्यवस्था के लिए उपलब्ध करायी जाने वाली निधि का भी पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। सूचना अधिकार के तहत सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर को मनपा के ग्रंथालय और अध्ययन कक्ष विभाग ने जानकारी उपलब्ध करायी है। 

जानकारी के अनुसार शहर में 32 ग्रंथालय संचालित हो रहे हैं। इनमें से 14 ग्रंथालय का संचालन निजी तौर पर किया जा रहा है। अन्य संस्थाओं या बचत समूह के माध्यम से 18 ग्रंथालय संचालित हो रहे हैं। बीते तीन वर्ष का रिकार्ड देखा जाये तो वाचनालय के कक्षों की दुरुस्ती के लिए 57.50 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए हैं। इनमें से 21.10 लाख रुपए ही खर्च हो पाए हैं। 2013 से अब तक 19.20 लाख रुपए की पुस्तकें खरीदी गई हैं। ग्रंथालय प्रबंधन के लिए 141 पद मंजूर हैं। उनमें 51 पद कार्यरत हैं। 90 पद रिक्त हैं। ग्रंथालयों के आजीवन सदस्यों की संख्या 2095 है। सामान्य सदस्यों की संख्या प्रतिवर्ष अधिक कम होती रहती है।

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