अब दो मरीजों के काम आएगा एक वेंटिलेटर, वीएनआईटी ने किया डिजाइन
अब दो मरीजों के काम आएगा एक वेंटिलेटर, वीएनआईटी ने किया डिजाइन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। विश्वेश्वरैय्या राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (वीएनआईटी) ने शहर के मेयो अस्पताल के लिए स्प्लिटर्स और रिस्ट्रिक्टर्स तैयार किए है, जिसकी मदद से एक वेंटिलेटर पर दो मरीजों को रखा जा सकता है। कोरोना संक्रमण से लड़ाई में जुटा चिकित्सा क्षेत्र कई चुनौतियों के बीच काम कर रहा है। इन्हीं में से एक बड़ी चुनौती भारत में वेंटिलेटर्स की कमीं की भी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में महज 48 हजार वेंटिलेटर्स है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद स्थिति विकट हो सकती है। इसी के मद्देनजर वेंटिलेटर्स की कमीं से चिंतित मेयो प्रशासन की विनती पर वीएनआईटी ने हाल ही में यह तकनीक विकसीत की, जिसका सफल परीक्षण सफल रहा। संस्थान निदेशक और बायो-इंजीनियरिंग के विशेषज्ञ डॉ.प्रमोद पडोले के नेतृत्व में यह तकनीक विकसीत की गई है। वीएनआईटी ने हाल ही में यह प्रोटोटाईप विकसीत करके मेया अस्पताल को सौंपा। जहां डॉ.वैशाली शेलगांवकर द्वारा इसका ट्रायल पूरा किया गया। वैसे तो इस प्रोटोटाईप में चार मरीजों के इस्तेमाल लायक तंत्र लगे है। लेकिन चिकित्सकों के अनुसार चार मरीजों के फेंफडे अलग अलग तरीके से क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे में दो मिलते जुलते क्षतिपूर्ण फेंफडों वाले मरीजों के लिए इसका उपयोग संभव है। वीएनआईटी की डॉ.शीतल चिद्दलवार और अभिजीत राऊत ने इस तंत्र को विकसीत करने में अहम भूमिका निभाई। इधर मेयो अस्पताल से डॉ.शेलगांवकर के अलावा डॉ.मेधा संगावार, डॉ.उमेश रामतानी व अन्य चिकित्सकों का सहयोग रहा।
इन प्रोजेक्ट्स पर भी हो रहा काम
वीएनआईटी कोरोना से लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। संस्थान कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है। डॉ.पडोले और डॉ.चिद्दलवार के नेतृत्व में एक टीम द्वारा क्वारेंटाईन में रखे मरीजों तक मशीन के जरिए खाना पहुंचाने के लिए एक रिमोट द्वारा संचालित ट्रॉली विकसीत की जा रही है। इसके पूरा होने के बाद इसे एम्स को सौंपा जाएगा। इसी तरह प्रो.भुरचांदी और डॉ.पात्रिकर के नेतृत्व में हाल ही में मास्क और पीपीई किट के सैनेटाईजेशन के लिए अल्ट्रा वायलेट चेंबर तैयार किया जा रहा है। वीएनआईटी पूर्व छात्र संगठन के शशिकांत चौधरी ने बताया कि संगठन द्वारा इसका खर्च उठाया जा रहा है। जल्द ही इसे शहर के अस्पतालों को सौंपा जाएगा।