अब मध्य प्रदेश बुझाएगा नागपुर की प्यास, 38 करोड़ खर्च कर जोड़ा जाएगा ड्रेनेज
अब मध्य प्रदेश बुझाएगा नागपुर की प्यास, 38 करोड़ खर्च कर जोड़ा जाएगा ड्रेनेज
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि जिले में नालों को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण इलाकों में फसलों का नुकसान नहीं होगा और शहर में भी बाढ़ जैसी स्थिति निर्माण नहीं होगी। डॉ. देशपांडे सभागृह में डीपीसी की बैठक के बाद पालकमंत्री बावनकुले ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि जिले में नालों को एक-दूसरे से जोड़ने पर कुल 38 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इससे पानी की निकासी सही तरीके से होगी। ग्रामीण इलाकों में पानी से फसल बर्बाद होने से बचेगी और शहर में भी बाढ़ जैसी स्थिति निर्माण नहीं होगी। पारशिवनी, मौदा, रामटेक के अलावा जिले के निचले इलाकों में ये नाले हैं। टाटा ट्रस्ट, महापारेषण व सीएसआर फंड से निधि मांगी जाएगी।
मध्य प्रदेश बुझाएगा नागपुर की प्यास
पालकमंत्री ने कहा कि नागपुर शहर में पानी की कमी है। उपलब्ध पानी फिलहाल तो चल जाएगा, लेकिन मई, जून के लिए पानी का संग्रहण जरूरी है। कांग्रेस विधायक सुनील केदार को साथ लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की जाएगी। चौरई बांध से 5 टीएमसी पानी देने की गुजारिश की जाएगी। शहर में एक साथ सभी तरफ विकास कार्य जारी होने से ओसीडब्ल्यू को जलापूर्ति से संबंधित कार्य करने में परेशानी हो रही है। ओसीडब्ल्यू का काम अधूरा है। मनपा को पानी की बर्बादी कम करना जरूरी है। मनपा ने पानी के नए सोर्स तैयार करना चाहिए। जैसे कुुओं की खुदाई, बोरवेल आदि तैयार करने चाहिए।
कोराडी प्रकल्प में जाएगा सिवेेज का पानी
कोराडी बिजली घर को सिवेज का पानी दिया जाएगा। अब तक मनपा की तरफ से पानी दिया जाता था। इससे पानी की बचत होने के अलावा इस पानी का इस्तेमाल लोगों के लिए किया जा सकेगा। मनपा सीमा में आने वाले नासुप्र के सभी 3800 ले-आउट मनपा में आ जाएंगे। शहर में विकास कार्य करने वाली मनपा एक ही एजेंसी रहेगी। शीघ्र ही कई ले-आउट मनपा को हस्तांतरित किए जाएंगे। जनप्रतिनिधि भी अपनी विकास निधि इन इलाकों (नियमित व अनियमित क्षेत्र) में खर्च कर सकेंगे। नासुप्र की बर्खास्तगी संबंधी सवाल पर कहा कि फिलहाल मामला कोर्ट में है।
शराब दुकानें बढ़ाने को जायज
पालकमंत्री व आबकारी मंत्री बावनकुले ने 3 हजार की आबादी वाले गांवों में शराब दुकानें खोलने को जायज बताया। मनपा सीमा से सटकर 3 किमी तक व नगर परिषद सीमा से सटकर 1 किमी तक शराब दुकानें शुरू करने के सरकार के निर्णय को सही बताते हुए सफाई दी कि ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में लोग शाम को शहर की ओर आते हैं। इससे कई समस्या खड़ी हो सकती है। इसकी रोकथाम के लिए गांवों में शराब दुकानें शुरू करने का निर्णय लिया है। वैध रूप से शराब मिली, तो अवैध रूप से शराब पीने की नौबत नहीं आएगी, ऐसा तर्क भी दिया। शराब दुकानों से सरकार को जमकर राजस्व मिलता है।
कांग्रेस सदस्य हंगामा करना चाहते हैं
डीपीसी की बैठक पर जिला परिषद कांग्रेस सदस्यों के बहिष्कार पर उन्होंने सफाई दी कि कांग्रेस सदस्य हंगामा करना चाहते हैं। यह जिप की बैठक नहीं है। यहां मुद्दे पहले से तय होते हैं। बहिष्कार यह राजनीति है। एजेंडे के बाहर के व अनावश्यक मुद्दे उठाते हैं। आवाज दबाने या सवाल पूछने नहीं देने की बात को उन्होंने गलत बताया। नागपुर समेत कहीं भी लोड शेडिंग नहीं होने का दावा किया। प्रदूषण बोर्ड से मंजूरी का काम अंतिम चरण में है। मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ से रेत लाने में कुछ भी गलत नहीं है। शीघ्र ही रेत घाट शुरू हो जाएंगे।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकारी दौरे में जिला परिषद के पदाधिकारियों के साथ उनके परिजनों का साथ जाना गलत नहीं, बशर्ते इसका खर्च सरकार की तरफ से नहीं हुआ हो। पदाधिकारियों के परिवारों की सुरक्षा बड़ा मुद्दा है। सभी महिला सदस्यों को सुरक्षा देना मुमकिन नहीं, इसलिए दौरे में अपने खर्च से साथ जाने की सफाई दी। इसे बेवजह तुल देने का जवाब उनकी तरफ से दिया गया। अकाल प्रभावित इलाकों में सरकार ने जो मदद घोषित की है, वह सभी मिलेगी। किसी कारण संबंधित इलाकों के विद्यार्थियों ने परीक्षा शुल्क जमा किया, तो वह भी लौटाया जा सकता है। अकाल प्रभावित गांवों में मदद कार्य जारी है। जिलाधीश अपने स्तर पर निरीक्षण कर अन्य क्षेत्रों को इसमें शामिल कर सकते हैं। इस अवसर पर जिलाधीश अश्विन मुद्गल, जिला परिषद अध्यक्ष निशा सावरकर उपस्थित थे।