अब 100 हेक्टेयर की सिंचाई परियोजना के लिए जिला परिषद के एनओसी की जरुरत नहीं

अब 100 हेक्टेयर की सिंचाई परियोजना के लिए जिला परिषद के एनओसी की जरुरत नहीं

Tejinder Singh
Update: 2020-10-12 12:56 GMT
अब 100 हेक्टेयर की सिंचाई परियोजना के लिए जिला परिषद के एनओसी की जरुरत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में 100 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता वाली योजनाओं के लिए प्रशासनिक मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास प्रस्ताव भेजते समय अब संबंधित जिला परिषद का अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जोड़ने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके साथ ही जिला नियोजन समिति और औरंगाबाद के जलसंरक्षण महामंडल का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने की आवश्यकता भी नहीं होगा। सोमवार को प्रदेश के मृदा व जलसंरक्षण विभाग ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया। इसके अनुसार सरकार ने जिला परिषद का अनापत्ति प्रमाणपत्र जमा कराने की शर्त को शिथिल कर दिया है। इससे अब 100 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता वाली योजनाओं की प्रशासनिक मंजूरी के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजते समय सभी कामों का जिओ टैगिंग, अक्षांश और देशांतर निश्चित करना होगा। जिला जलसंरक्षण अधिकारी को यह सुनिश्चत करना होगा कि कामों में संसोधन न हो। सरकार का कहना है कि 100 हेक्टेयर क्षमता तक वाली सिंचाई योजनाओं के लिए जिला परिषद का अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने में विलंब होता है। साल 2020-21 के बजट में जलसंरक्षण विभाग के लिए भरपूर निधि का प्रावधान किया गया है। इस निधि को समय पर खर्च करने की दृष्टि से शर्तों को शिथिल किया गया है। 

    
    

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