अब मेडिकल प्रवेश में OBC आरक्षण का फैसला करेगा SC, नागपुर बेंच में चल रही सुनवाई पर रोक

अब मेडिकल प्रवेश में OBC आरक्षण का फैसला करेगा SC, नागपुर बेंच में चल रही सुनवाई पर रोक

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-01 10:54 GMT
अब मेडिकल प्रवेश में OBC आरक्षण का फैसला करेगा SC, नागपुर बेंच में चल रही सुनवाई पर रोक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में अखिल भारतीय ओबीसी महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाडे ने मेडिकल में ओबीसी आरक्षण से संबंधित जनहित याचिका दायर की है। इस याचिका के खिलाफ स्वास्थ्य व परिवार कल्याण विभाग ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने नागपुर बेंच को इस मामले की सुनवाई करने से राेक दिया है। ऐसे में नागपुर बेंच ने मामले की सुनवाई तीन सप्ताह बाद रखी है।

महासंघ की याचिका में मेडिकल के ऑल इंडिया कोटे में भी ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का मुद्दा उठाया है। इस मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपना शपथपत्र हाईकोर्ट में दायर किया था, जिसमें स्वास्थ्य सेवा सहायक महसंचालक ने हाईकोर्ट को बताया थाकि तय नियमों के मुताबिक फिलहाल केवल सेंट्रल मेडिकल कॉलेजों में ही ऑल इंडिया कोटे पर ओबीसी वर्ग के लिए 27 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाती है।

यह है मामला
याचिकाकर्ता की मांग है कि देशभर के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए जो ऑल इंडिया सेंट्रल गवर्नमेंट कोटा तय होता है, ओबीसी प्रवर्ग के विद्यार्थियों को इस कोटे पर भी 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। अन्य राज्यों में जहां इसे लागू किया गया है, महाराष्ट्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है। महाराष्ट्र के अलावा अन्य राज्यों में ऑल इंडिया सेंट्रल गवर्नमेंट कोटा के तहत ओबीसी विद्यार्थियों को 15 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने अपने विद्यार्थियों के लिए ऑल इंडिया सेंट्रल गवर्नमेंट कोटा केवल 1.7 प्रतिशत (69 सीट) तक सीमित कर दिया।

प्रदेश में सेंट्रल गवर्नमेंट कोटा के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण की नीति भी लागू नहीं की गई। इसी कारण से ऑल इंडिया कोटा की 464 सीटों में से एक भी सीट ओबीसी प्रवर्ग के लिए आरक्षित नहीं हो सकी। इस याचिका में प्रतिवादी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय, केंद्रीय सामाजिक न्याय विभाग, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. पुरुषोत्तम पाटील ने पक्ष रखा।

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