गांव में घुसा पेंच का बूढ़ा बाघ, कैमरे में कैद हुआ वीडियो

गांव में घुसा पेंच का बूढ़ा बाघ, कैमरे में कैद हुआ वीडियो

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-26 18:20 GMT
गांव में घुसा पेंच का बूढ़ा बाघ, कैमरे में कैद हुआ वीडियो

डिजिटल डेस्क, सिवनी। दक्षिण सामान्य वन मंडल के पिंडरई गांव के पास एक बाघ की आवारगी लोगों के लिए खौफ बन गई है। दरअसल, पेंच टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से बूढ़ा बाघ पिंडरई और आसपास के क्षेत्र में घूम रहा है। बाघ गांव में बने मकानों के पास से कई बार गुजर चुका है। वन विभाग को खबर मिलते ही पूरी टीम बाघ पर नजर बनाए हुए है। हालांकि अभी तक बाघ ने किसी इंसान पर हमला नहीं किया है, लेकिन गांव में तीन मवेशियों का शिकार कर चुका है।

कैमरे में कैद हुआ वीडियो

जानकारी के अनुसार शुक्रवार की रात फोरव्हीलर से गुजर रहे लोगों को गांव के पास बाघ नजर आया। इसमें से एक शख्स ने अपने मोबाइल पर बाघ का वीडियो कैप्चर कर लिया। इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई। वहीं जब लोगों को बाघ के आसपास घूमने की जानकारी मिली तो लोगों में दहशत का मौहाल बन गया।

समूह से बाहर कर दिया जाता है

दक्षिण सामान्य वन मंडल के DFO टीएस सूलिया ने बताया कि बाघों के समूह में अलग व्यवहार होता है। बाघों के समूह में केवल उसे ही रखा जाता है, जो कि ताकतवर और युवा होते हैं। जो बाघ जंगल से भटककर ग्रामीण क्षेत्र में भटक रहा है, वह बूढ़ा हो गया है। हालांकि वह शिकार करने में पूरी तरह से सक्षम है। उसकी उम्र करीब 13 से 14 साल की है। उनके कुनबे ने इस बाघ को बाहर का रास्ता दिखा दिया। ऐसे में बाघ अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए गांव के आसपास का सहारा ले रहा है।

अभी पकड़ने की योजना नहीं

वन अधिकारियों की माने तो बाघ को पकड़कर उसे दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने पर अभी कोई योजना नहीं है। विभाग का मानना है कि बाघ से अभी कोई नुकसान नहीं हुआ है ऐसे में बाघ को शिफ्ट नहीं किया जा सकता। यह सामान्य घटनाक्रम है। इधर बाघ पर नजर बनाने के लिए अलग टीमें बनाई गई है। वहीं लोगों को समझाइश दी जा रही है कि वे ऐसी कोई हरकत न करें जिससे बाघ को नुकसान पहुंचे। लोगों को सलाह दी गई है कि वे जंगल में न जाएं और न ही मवेशियों को ले जाएं ताकि कोई नुकसान न हो।

इस साल की यह दूसरी घटना

बाघ के गांव में घुसने की यह दूसरी बड़ी घटना है। इससे पहले अरी क्षेत्र में बाघ का जबर्दस्त आतंक था। उसने करीब 10 से अधिक मवेशियों को अपना निशाना बनाया था। करीब 1 माह तक बाघ का खौफ चलता रहा। हालांकि बाद में उसे पकड़कर संजय टाइगर रिजर्व छोड़ दिया गया था, जहां पर बाद में उसकी मौत हो गई थी। बाघ को पकड़ने की घटना पर भी ग्रामीणों ने बगैर दिखाए ले जाने पर जमकर उत्पात मचाया था।

CCF सीएस मान का कहना है कि यह सामान्य घटना है। बाघ तो ग्रामीण क्षेत्रों में अक्सर घुस जाते हैं। फिर भी हमने ऐहतियात के तौर पर फारेस्ट बल तैनात कर दिया है। सभी को न घबराने की समझाइश दी जा रही है। बाघ को पकड़कर शिफ्ट करने की अभी योजना नहीं है।

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