गोसीखुर्द का पानी बिजली प्रकल्पों को देने पर होगा आंदोलन -वडेट्‌टीवार

 गोसीखुर्द का पानी बिजली प्रकल्पों को देने पर होगा आंदोलन -वडेट्‌टीवार

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-30 06:07 GMT
 गोसीखुर्द का पानी बिजली प्रकल्पों को देने पर होगा आंदोलन -वडेट्‌टीवार

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। पूर्व विदर्भ के महत्वकांक्षी और सिंचाई  के लिए प्रमुखता से निर्मित गोसीर्खद प्रकल्प का पानी सिंचाई और पेयजल के अलावा उमरेड के समीप प्रस्तावित दो औष्णिक बिजली प्रकल्पों को देने का निर्णय सरकार ले रही है। इस आशय का प्रस्ताव भी सरकार ने तैयार कर लिया है। यह निर्णय किसानों को परेशानी में डालनेवाला साबित होगा। इस किसान विरोधी निर्णय के विरोध में गोसीखुर्द के लाभ क्षेत्र के किसानों को लेकर उग्र आंदोलन किया जाएगा। यह चेतावनी महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व विधिमंडल उपनेता विधायक विजय वडेट्टीवार ने दी है। 

इधर भीषण जलसंकट झेल रही जनता
वडेट्‌टीवार ने कहा कि, स्व. राजीव गांधी के सपनों से साकार हुए गोसीखुर्द प्रकल्प को राष्ट्रीय प्रकल्प का दर्जा प्राप्त हुआ है। इसके पानी से नागपुर, चंद्रपुर, और भंडारा जिले की 2 लाख 50  हजार 800  हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। इस प्रकल्प के निर्माण का उद्देश्य कृषि भूमि को सिंचित कर किसानों का विकास करना है। ऐसे में राज्य की फडवणीस सरकार उमरेड के समीप प्रस्तावित 800  मेगावॉट के बिजली केंद्र को पानी देने का विचार कर रही है।

प्रस्तावित बिजली प्रकल्प को  28  दक्षलक्ष्य घनमीटर पानी प्रतिवर्ष आवश्यक है। इनमें से 13  दक्षलक्ष्य घनमीटर पानी गोसीदुर्ख प्रकल्प से और 15  दक्षलक्ष्य घनमीटर पानी नागपुर मनपा के भांडेवाड़ी में स्थापित वेस्ट वॉटर री-साइकिलिंग प्रोजेक्ट से लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से पूर्व विदर्भ में भीषण जलसंकट से किसान हलाकान हैं।

प्रदूषण की चपेट में धकेल रही सरकार
पिछले 5  वर्षों में किसानों को औसतन उत्पादन से 25 से 40 प्रतिशत ही फसल प्राप्त हुई है। इससे वे कर्ज भी नहीं चुका पा रहे हैं। ऐसे में सिंचाई के लिए आशा के रूप में बनाए गए गोसीदुर्ख प्रकल्प तीन जिलों के किसानों के लिए वरदान साबित हो सकता है। ऐसे में किसानों के अधिकार का पानी उनसे छीनकर बिजली प्रकल्पों को देना किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। एक समय BJP सरकार विदर्भ में बिजली प्रकल्पों को पर्यावरण के लिए खतरा बताकर इनका विरोध किया करती थी।

वहीं BJP सरकार 800  मेगावॉट के नए बिजली प्रकल्प लाकर लोगों को और खतरे में डाल रही है। चंद्रपुर के बिजली प्रकल्प से होने वाले प्रदूषण से शहरवासी पहले ही परेशान हैं। ऐसे में अब फडवणीस सरकार नागपुर व उमरेडवासियों को भी प्रदूषण की चपेट में लाकर, किसानों का पानी का अधिकार छीनना चाहती है। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ किसानों के साथ मिलकर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी उन्होंने दी। 

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