भृत्य के घर क एक माह का बिजली बिल आया 1 लाख 22 हजार

भृत्य के घर क एक माह का बिजली बिल आया 1 लाख 22 हजार

Bhaskar Hindi
Update: 2020-08-22 10:09 GMT
भृत्य के घर क एक माह का बिजली बिल आया 1 लाख 22 हजार

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (वैढऩ)। बिजली विभाग ने नगर निगम में पदस्थ भृत्य के घर का बिजली बिल 1 लाख 22 हजार रूपए का भेजा है। जिसे दिखाकर भृत्य इस विपदा से छुटकारा पाने की गुहार लगाते फिर रहा है। बिजली के बिल में धांधली का यह केवल अकेला मामला नहीं है। शहर का हर दूसरा उपभोक्ता बिजली बिल से परेशान हंै। किसी के घर में लगा मीटर 200 यूनिट बिजली खपत बता रहा है, लेकिन उसके घर 850 यूनिट का बिल भेजा गया है। लगातार बंद रहने वाले होटलों व दुकानों का बिल भी हजारों रूपए में भेजा गया है। अनाप-शनाप बिजली के बिल देखकर लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। लेकिन बिजली विभाग उपभोक्ताओं को राहत देने के स्थान पर दबंगई पर उतारू हो रहा है। बिजली बिल की शिकायत करने वाले उपभोक्ताओं पर बिजली काटने व मामला दर्ज कराने की धमकी तक दी जा रही है। बिजली विभाग द्वारा गलत बिजली बिल भेजकर वसूली के लिए चलाये जा रहे अभियान को लेकर उपभोक्ताओं में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। उपभोक्ताओं ने कहाकि कोविड-19 काल में राजस्व का घाटा बहुत हुआ है। इसलिए बिजली विभाग उपभोक्ताओं की जेब काटकर सरकारी खजाने को भरने में लगा हुआ है। उधर बिजली विभाग के अधिकारी विभागीय गलती मानने के स्थान पर कोविड-19 को दीवार बनाकर आरोपों से बचते दिखाई दे रहे हैं।
गलत मीटर रीडिंग भेजी गई जबलपुर
उपभोक्ताओं की मानें तो बिजली विभाग का कोई भी कर्मचारी मीटर रीडिंग के लिए घर नहीं आता है। अंदाजा लगाकर कर्मचारी यूनिट भर कर अपने उचस्थ कार्यालय को भेज रहे हैं। जिसका नतीजा होता है कि घरेलू लाइट व पंखे वाले घरों में भी प्रतिमाह 8 से 10 हजार का बिल आ रहा है। जब तक शिकायत करने के लिए तैयारी की जाती है तब तक कनेक्शन काटने वाली गाड़ी घर के दरवाजे पर खड़ी हो जाती है। लेकिन बिजली विभाग की इस धांधली व दबंगई से कोई छुटकारा दिलाने वाला नहीं दिखाई दे रहा है।
स्पॉट बिलिंग की मांग
बिजली बिल के नाम पर शहर में चल रही धांधली पर लगाम लगाने के लिए उपभोक्ताओं ने स्पॉट बिलिंग करने की मांग की है। उपभोक्ताओं ने कहा कि बड़े शहरों में भी प्राइवेट एजेंसियां ही मीटर रीडिंग का कार्य कर रही हंै। उनके कर्मचारी मशीन लेकर आते हैं। मशीन से मीटर की स्कैनिंग करते हैं। स्पॉट पर ही बिल देकर पैसा लेकर चले जाते हैं। वहां पर न तो उपभोक्ताओं की शिकायत रहती और न ही विभाग का बहुत ज्यादा परेशानी ही उठानी पड़ती है। लेकिन यहां बिजली विभाग प्राइवेट एजेंसी को मीटर रीडिंग की जिम्मेदारी देकर उपभोक्ताओं की जेब काटने में लगा हुआ है।
केस-1
नगर निगम में पदस्थ भृत्य इन्दू बिलौंजी स्थित विभागीय कॉलोनी एलआईजी-7 में निवासरत है। उनका कनेक्श घरेलू बत्ती व फैन वाला है। लेकिन बिजली विभाग में पिछले माह का बिल 1 लाख 22 हजार 722 रूपए का आया है। अब छोटा कर्मचारी इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए विभागीय अधिकारियों सहित अन्य लोगों से गुहार लगाता घूम रहा है। लेकिन अभी तक उसे कहीं से राहत नहीं मिली है। उधर बिजली विभाग के इस करिश्माई करतूत को लेकर हर आदमी कोसता नजर आ रहा है।
केस-2
डीएवी रोड आदर्श पथ निवासी बृजेंद्र पांडेय का बिजली बिल कई माह से 8 से 10 हजार रूपए प्रतिमाह आ रहा है। श्री पांडेय ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि हमारा उपभोक्ता क्रमांक 1564700 है। केवल एक एसी चलती है। इसके बावजूद 10 हजार से अधिक का बिल कई माह से आ रहा है। हमने इसकी शिकायत 1912 पर की थी। बिजली विभाग के लोग बिल सुधारने के स्थान पर शिकायत वापस लेने की दबाव बनाने लगे। शिकायत वापस न लेने पर बिजली विभाग का अमला एक दिन बिजली काटने पहुंच गया। मजबूर होकर हमें शिकायत भी वापस लेनी पड़ी और अब हर माह उन्हीं के बिल के आधार पर पैसा भी जमा करना पड़ रहा है। कहाकि इस प्रकार की गुंडई तो फिल्मों में भी देखने को नहीं मिलती है। बच्चों को तकलीफ न हो इसलिए बर्दाश्त करना पड़ रहा है।

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