कृषि उत्पाद बेचने पर किसानों को हो रहा ऑनलाइन भुगतान

कृषि उत्पाद बेचने पर किसानों को हो रहा ऑनलाइन भुगतान

Tejinder Singh
Update: 2018-01-15 15:07 GMT
कृषि उत्पाद बेचने पर किसानों को हो रहा ऑनलाइन भुगतान

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अमित कुमार। राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से जुड़ी प्रदेश की 30 कृषि उत्पन्न बाजार समितियों में ई-नीलामी और ऑनलाइन गेट एंट्री शुरू हो गई है। पुणे की दौंड बाजार समिति प्रदेश की पहली बाजार समिति हैं, जहां माल बेचने पर किसानों को ऑनलाइन पेमेंट दिया जा रहा है। नागपुर, औरंगाबाद, अकोला, अहमदनगर, येवला समेत अन्य बाजार समितियों में ई-नाम के तहत कामकाज शुरु हो गया है। सोमवार को पुणे के दौंड बाजार समिति के सचिव तात्याराव टुले ने कहा कि बाजार समिति में माल बेचने पर किसानों को पहले नकद और चेक से भुगतान किया जाता था पर अब सीधे किसानों के बैंक खातों में पैसे जमा कराए जा रहे हैं। दौंड बाजार समिति में अब तक 108 किसानों के बैंक खाते में 11 लाख रुपए ऑनलाइन जमा कराए गए हैं। किसानों ने यहां अब तक 1 करोड़ 75 लाख का माल ई-निलानी से बेचा है।

बाजार समिति में लगी स्क्रीन
सचिव तात्याराव टुले ने कहा कि किसानों के बैंक खाते में राशि जमा कराने में अभी एक दिन का समय लगता है। हम कोशिश कर रहे हैं कि किसान जिस दिन माल बेचे, उसी दिन उसके बैंक खाते में राशि जमा करा दी जाए। टुले ने कहा कि बाजार समिति में एक स्क्रीन लगाई गई है। जहां पर ई-नीलामी के समय किसानों को भाव पता चलता है। लेकिन इसको चलाने के लिए हम मोबाइल इंटरनेट और डोंगल की मदद ले रहे हैं। यदि इंटरनेट व्यवस्था बेहतर हुई तो किसानों को और ज्यादा सुविधा मिल सकेगी। दूसरी ओर प्रदेश सरकार के विपणन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में तीन चरणों में ई-नाम को लागू किया जाना है। जिसमें से दो चरणों की कार्यवाही पूरी हो चुकी है।

दूसरे राज्यों में भी बेच  सकेंगे माल
तीसरे चरण में महाराष्ट्र के बाजार समितियों से माल दूसरे राज्य ई-नीलामी द्वारा खरीद सकेंगे। अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले चरण में राज्य की 30 और दूसरे चरण में 30 कुल मिला कर 60 बाजार समितियों को ई-नाम में शामिल किया है। केंद्र सरकार की तरफ से कम्प्यूटर और ग्रेडिंग सामग्री की खरीद के लिए प्रति बाजार समिति 30 लाख रुपए दिए जाते हैं। केंद्र सरकार 30 बाजार समिति के लिए 9 करोड़ रुपए का अनुदान देती है। जबकि बाकी 30 बाजार समिति के लिए अब तक अनुदान नहीं मिल सका है। मुंबई के एगमार्क प्रयोगशाला में 29 बाजार समितियों के कर्मचारियों को कृषि उत्पाद की जांच के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा ई-नाम को प्रभावी रूप से लागू करने वाली बाजार समितियों को प्रोत्साहन के लिए पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा।

ई-नाम से जुड़ी बाजार समितियां
ई-नाम से नागपुर, वर्धा, दौंड, वरोरा, अहमदनगर, नंदूरबार, कोल्हापुर, वणी, मलाकापुर, परभणी, लोणंद, अकोला, लातूर, औरंगाबाद, तुमसर, शिरुर, नेवासा, येवला, अर्जुनी मोरेगांव, सेलू, अचलपुर, बसमत, धुलिया, बार्शी, अहेरी, भोकर, सांगली, गेवराई, आटपाडी, मालेगांव बाजार समिति जुड़ चुकी हैं। 

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