21 अगस्त को मुंबई में ईवीएम विरोधी मोर्चा, राज ठाकरे के नेतृत्व में एकजुट होगा विपक्ष

21 अगस्त को मुंबई में ईवीएम विरोधी मोर्चा, राज ठाकरे के नेतृत्व में एकजुट होगा विपक्ष

Tejinder Singh
Update: 2019-08-02 12:11 GMT
21 अगस्त को मुंबई में ईवीएम विरोधी मोर्चा, राज ठाकरे के नेतृत्व में एकजुट होगा विपक्ष

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के प्रमुख विपक्षी दल आगामी 21 अगस्त को मुंबई में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के खिलाफ मोर्चा निकालेंगे। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की पहल पर कांग्रेस-राकांपा सहित कई विपक्षी दल एक मंच पर आए है। शुक्रवार को एमआईजी क्लब में आयोजित संयुक्त पत्रकार परिषद में "ईवीएम हटाओ, लोकतंत्र बचाओ" आंदोलन का एलान किया गया। मनसे अध्यक्ष राज ने कहा कि इस मामले में हमे चुनाव आयोग पर जरा भी विश्वास नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाकर मुख्य चुनाव आयुक्त से भेंट करना सिर्फ औपचारिकता थी। मुलाकात के दौरान वे मेरे सवालों का जबाव नहीं दे सके थे। राज ने कहा कि 2019 जैसा चुनाव पहले कभी नहीं हुआ जिसमे जीतने और हराने वाले दोनों चकित रह गए कि यह कैसे हो गया। राज ने कहा कि हम गांव गांव जाकर लोगों से बैकेट पेपर से चुनाव कराने मांग पत्र भरवाएंगे। 21 अगस्त को ईवीएम विरोधी मोर्चे के बाद यह मांग पत्र महाराष्ट्र के चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा। एक सवाल के जवाब में मनसे अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत उनकी रणनीति का हिस्सा थी क्योंकि उनकी नज़र तो लोकसभा चुनाव पर थी। ईवीएम विरोधी आंदोलन पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की टिप्पणी की बाबत राज ने कहा कि वे बैठाए गये सीएम हैं, इस लिए उन्हें ज्यादा नहीं बोलना चाहिए। 

ग्राम सभा पारित करें प्रस्ताव: थोरात

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बाला साहेब थोरात ने कहा कि यह आम आदमी का आंदोलन होगा इस लिए इसमे सभी लोग हिस्सा ले। उन्होंने कहा की 15 अगस्त को गांव गांव में ग्रामीण ग्रामसभा में ईवीएम के खलाफ प्रस्ताव पारित करें। राकांपा के वरिष्ठ नेता अजीत पवार ने कहा कि हमारा किसी पर अविश्वास नहीं पर लोगों का लोकतंत्र में विश्वास बना रहे इसके लिए बैलट पेपर से चुनाव होना चाहिए। राकांपा के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने ईवीएम के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने के लिए राज ठाकरे का आभार मानते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की बात करते हैं तो बैलट पेपर से चुनाव कराए जिससे उनकी लोकप्रियता का पता चल सके। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका व जापान जैसे देश अपने यहाँ ईवीएम का इस्तेमाल नहीं कर रहे तो हम क्यो इसका उपयोग करें। 

हैक हो सकता है ईवीएम: पाटिल

पूर्व न्यायाधीश व जेडीएस नेता बी जी कोलसे पाटिल ने कहा कि हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर साबित किया है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा था कि इस पर पूरी तरह विश्वास नहीं कर सकते। इस लिए सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के साथ वीवीपैट लगाने को कहा था। उन्होंने कहा कि जब हमने ईवीएम हैक कर दिखाया तो चुनाव आयोग ने कहा वह हमारी मशीन नहीं थी। पाटिल ने कहा कि दुनिया के 191 देशों में से सिर्फ 18 देश चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल करते हैं। शेतकरी कामगार पार्टी के नेता जयंत पाटिल ने कहा की बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग को लेकर गांव गांव में लोगों से मांग पत्र भरवाया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि बैलेट पेपर से मतदान करने से कम खर्च होगा। लोकभारती के अध्यक्ष विधायक कपिल पाटिल ने कहा कि राज ठाकरे के नेतृत्व में यह लोकतंत्र बचाने के लिए आंदोलन है। आम आदमी पार्टी के महाराष्ट्र संयोजक ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने कहा कि ईवीएम को लेकर सबसे पहला खुलासा आप ने ही किया था। उन्होंने कहा कि आप ईवीएम विरोधी आंदोलन में शामिल होगी। इस मौके पर शेतकरी स्वाभिमान के राजू शेट्टी और सीपीआई के प्रकाश रेड्डी व राकांपा नेता विद्या चव्हाण ने भी संबोधित किया। 

ईडी की जांच से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता: राज

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राज ठाकरे की जांच किये जाने की खबरों की बाबत राज ठाकरे ने कहा कि मुझे कोई फर्क नही पड़ता। इस संबंध में मेरे पास कोई सूचना नहीं आई है। अखबारों में ही ऐसी खबर पढ़ी है।

फिल्म मिशन मंगल को मराठी में डब करके प्रदर्शित करने का मनसे ने किया विरोध

मनसे की फिल्म इकाई चित्रपट सेना ने हिंदी फिल्म मिशन मंगल का डब करके मराठी में प्रदर्शित किए जाने का विरोध किया है। शुक्रवार को मनसे चित्रपट सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने कहा कि मिशन मंगल को मराठी में प्रदर्शित करने की कोशिश की गई तो पार्टी अपने स्टाइल में आंदोलन करेगी। खोपकर ने कहा कि मिशन मंगल हिंदी फिल्म होने के कारण हमारा विरोध नहीं है। लेकिन फिल्म को मराठी में डब करके प्रदर्शित किया जा रहा है। इसको लेकर हमें आपत्ति है। खोपकर ने कहा कि मराठी फिल्मों को थियेटर में उचित शो नहीं मिल पाते हैं। इस मुद्दे पर कई सालों से आंदोलन शुरू है। हिंदी फिल्मों को मराठी में डब किया गया तो मूल मराठी फिल्मों के शो मिलने में और मुश्किलें होंगी। इस कारण हम इसका विरोध कर रहे हैं। खोपकर ने कहा कि मनसे ने महेंद्र सिंह धोनी के जीवन पर आधारित फिल्म को मराठी में डब करके दिखाने की कोशिश की गई थी लेकिन मनसे ने उसको नाकाम कर दिया था। 
 

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