आरक्षण के लिए अध्यादेश की मांग : हर्षवर्धन बोले- मराठा समाज की ओर से सीएम के पैर पड़ता हूं

आरक्षण के लिए अध्यादेश की मांग : हर्षवर्धन बोले- मराठा समाज की ओर से सीएम के पैर पड़ता हूं

Tejinder Singh
Update: 2018-07-31 15:27 GMT
आरक्षण के लिए अध्यादेश की मांग : हर्षवर्धन बोले- मराठा समाज की ओर से सीएम के पैर पड़ता हूं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। औरंगाबाद की कन्नड सीट से शिवसेना के विधायक हर्षवर्धन जाधव मराठा आरक्षण के लिए अध्यादेश जारी करने की मांग पर अड़े हुए हैं। जाधव ने कहा कि मैं सकल मराठा समाज की ओर से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पैर पड़ रहा हूं। मुख्यमंत्री कृपा करके तत्काल अध्यादेश जारी करें। उन्होंने कहा कि यदि सरकार आरक्षण पर जल्द कोई ठोस फैसला नहीं करती है तो प्रदेश के सभी विधायकों को इस्तीफा दे देना चाहिए। जाधव ने कहा कि इस सरकार पर मराठा समाज के युवाओं का विश्वास अब नहीं रहा है। मराठा समाज के युवक लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। मुख्यमंत्री आखिर कितने और युवाओं की मौत देखना चाहते हैं। मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में जाधव ने वकीलों के साथ मिलकर यह बताने की कोशिश की कि मराठा आरक्षण के गतिरोध को खत्म करने के लिए सरकार के सामने अध्यादेश जारी करने के सिवाय और कोई विकल्प नहीं है। जाधव ने कहा कि यदि हमें क्रांतिकारी फैसले लेने हैं तो क्रांतिकारी कदम उठाना ही पड़ेगा।

जाधव ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की बात हवा में कही जा रही है। प्रत्यक्ष रूप से यह संभव नहीं है। क्योंकि इससे एससी, एसटी और ओबीसी समाज का आरक्षण खत्म हो जाएगा। इसलिए यह फैसला लेने का साहस किसी दल में नहीं है। वहीं वकीलों ने कहा कि तमिलनाडु की तर्ज पर राज्य सरकार मराठा आरक्षण के लिए कानून बना करके उसके संविधान की नौवीं सूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज देना चाहिए। वकीलों ने कहा कि सरकार के इस फैसले को भी अदालत में चुनौती दी जाएगी। पर अदालत के अंतिम फैसले तक राज्य में मराठा आरक्षण लागू रहेगा। इसके लिए सरकार के पास राजनीतिक इच्छा शक्ति होनी चाहिए। वकीलों ने कहा कि यह कहना गलत है कि अध्यादेश अदालत में नहीं टिकेगा। सरकार पहले फैसला तो करे।

बाला साहेब होते तो कर देते केसरकर की छुट्टी

जाधव ने कहा कि प्रदेश में लगातार हिंसक आंदोलन हो रहे हैं और शिवसेना के नेता व प्रदेश के गृह राज्य मंत्री दीपक केसरकर ढिलाई से काम कर रहे हैं। जाधव ने कहा कि राज्य में इतनी भयानक स्थिति होने के बावजूद कोई मंत्री हल्के अंदाज में काम कैसे कर सकता है। जाधव ने कहा कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे जानते हैं कि केसरकर ढीले मंत्री हैं। लेकिन उन्हें मंत्री पद से हटाने का फैसला भी उन्हें (उद्धव) ही लेना है। जाधव ने कहा कि यदि आज शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे होते तो केसरकर को तुरंत हटा देते।

शिवसेना छोड़ने पर स्पष्ट जवाब नहीं 

शिवसेना की भूमिका से अलग जाधव लगातार सरकार के खिलाफ हमला बोल रहे हैं। उनके निशाने पर शिवसेना के कई नेता हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जाधव शिवसेना से नाता तोड़ सकते हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व भी उनसे नाराज है। हालांकि इस पर जाधव स्पष्ट रूप से कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। जाधव ने कहा कि फिलहाल राजनीति करने का समय नहीं है। जाधव इससे पहले मनसे के विधायक रह चुके हैं। जाधव भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे के दामाद हैं। 

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