टीवी पर 'क्राइम पेट्रोल' देख बनाया प्लान और कर दी कारोबारी की हत्या

टीवी पर 'क्राइम पेट्रोल' देख बनाया प्लान और कर दी कारोबारी की हत्या

Tejinder Singh
Update: 2017-12-10 11:44 GMT
टीवी पर 'क्राइम पेट्रोल' देख बनाया प्लान और कर दी कारोबारी की हत्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ऑनलाइन लॉटरी कारोबारी राहुल आग्रेकर की 21 नवंबर को हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार आरोपी पंकज हारोडे और उसके भाई जैकी उर्फ मन्नीलाल प्रजापति को दोबारा अदालत में पेश किया गया। जहां से अदालत ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।  पीसीआर के दौरान आरोपी पंकज हारोडे ने बताया कि उसने और दुर्गेश ने क्राइम पेट्रोल देखकर राहुल आग्रेकर की हत्या करने योजना बनाई थी। बेला से बुटीबोरी, फिर वापस मेडिकल चौक आने के बाद दुर्गेश ने राहुल से कहा कि कल दूसरी जगह की जमीन देखने जाना है। तब राहुल ने कहा दो तीन दिन तक उसके पास बिल्कुल समय नहीं है। यह सुनकर पंकज और दुर्गेश को अपनी योजना विफल होते नजर आने लगी। मेडिकल चौक आने से पहले पंकज, राहुल और दुर्गेश ने बुटीबोरी में एक होटल में नाश्ता किया था। दूसरे दिन समय नहीं होने की बात राहुल के मुंह से सुनते ही पंकज ने मेडिकल चौक परिसर में कार रोक दी। गाड़ी रोकने का कारण पूछने पर पंकज ने कहा कि शायद गाड़ी में कोई खराबी आ गई है। पंकज गाड़ी से नीचे उतरा, उसने पीछे रखा डंडा निकालकर उससे राहुल के सिर पर दो बार वार किया। राहुल बेहोश हो गया। यह देख दुर्गेश ने अपने गमछे से राहुल का गला कस दिया, जिससे राहुल को उल्टी भी हो गई थी।   

ऑलपिन के लिए दिए थे दस रुपए 
लकडगंज के थानेदार संतोष खांडेकर और सहयोगियों ने मामले को सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत की। आरोपी दुर्गेश ने बोलेरो में बेहोश पड़े राहुल को मेडिकल चौक से बुटीबोरी ले जाते समय ही उसका मोबाइल, नकदी और सोने के गहने निकाल लिए थे। आरोपियों ने राहुल के मोबाइल से सिमकार्ड निकालने के लिए दुकानदार से ऑलपिन मांगी और ऑलपिन के एेवज में दुकानदार को 10 रुपए दिए थे। हालांकि वह पैसे नहीं ले रहा था। राहुल के मोबाइल से सिमकार्ड निकालकर योजना के अनुसार परिजन से एक करोड़ की फिरौती मांगी गई। यह रकम मांगने पर ही राहुल के परिजन काे पता चला कि उसका अपहरण कर लिया गया है। उधर आरोपियों को लग रहा था कि उन्होंने फूलप्रूफ प्लान तैयार किया है। इसी बीच पंकज को लकडगंज पुलिस ने हावड़ा, कोलकाता से धरदबोचा। हालांकि पंकज ने दुर्गेश से कहा था कि पुलिस के सामने समर्पण कर देते हैं, तब उसने कहा कि आत्महत्या कर लूंगा लेकिन सरेंडर नहीं करूंगा। |

50 रुपए में खरीदी थी प्लास्टिक केन
राहुल के बेहोश होने पर पंकज और दुर्गेश को डर सताने लगा कि उनका भांडा फूट जाएगा। उन्हें अपने एक करोड़ की फिरौती भी डूबती नजर आने लगी। इस फिरौती में से 30 लाख पंकज और 70 लाख दुर्गेश रखने वाला था। कार में बेहोश पड़े राहुल को ठिकाने लगाने के लिए दोनों वापस बुटीबोरी गए। वहं एक पेट्रोल पंप से डीजल लिया। उसके बाद उसी पेट्रोल पंप के पास पंक्चर की एक दुकान से 50 रुपए में पेट्रोल के लिए डबकी (प्लास्टिक केन) खरीदी। इसके बाद पंकज और दुर्गेश पेटीचूहा के जंगल में राहुल को ले गए। जहां उसके शरीर पर घास-फूस डाला और पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया। राहुल को आग में जलाने के बाद दोनों आरोपी सावनेर होते हुए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ पहुंचे। वहां जैकी को बोलेरो नागपुर ले छोड़ेने के लिए कहा गया था, लेकिन यहां आने के बाद जैकी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। लकडगंज पुलिस ने पंकज को धरदबोचा था।
 

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