मॉडल स्टेशन पर बूंद बूंद पानी को तरस रहे यात्री 

मॉडल स्टेशन पर बूंद बूंद पानी को तरस रहे यात्री 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-26 13:31 GMT
मॉडल स्टेशन पर बूंद बूंद पानी को तरस रहे यात्री 

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/ पांढुर्ना। गर्मी का असर पांढुर्ना के मॉडल रेलवे स्टेशन पर देखने को मिल रहा है। कहने को तो यह माडल रेलवे स्टेशन है, किंतु यहां यात्रियों को बूंद बूंद पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। बदइंतजामी का ये हाल है कि यहां यात्रियों की सुनने वाला भी कोई नहीं है। बताया गया है कि यात्रियों को प्लेटफार्म पर गर्म पानी पीना पड़ रहा है। इससे यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। यात्री मजबूरी में बोतल बंद ठंडा पानी खरीद कर प्यास बुझा रहे हैं।

शुक्रवार को सिग्नल नहीं मिलने के चलते आधा-आधा घंटे तक स्टेशन पर खड़ी रही। लंबी दूरी की दो एक्सप्रेस ट्रेनों के यात्रियों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ा। पांढुर्ना स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक और दो कोल्ड वाटर बूथ लगे हैं पर यह गर्मी में फेल साबित हो रहे हैं। ऐसे में इन सुपरफास्ट एक्सप्रेसों के यात्रियों को मजबूरन बोतल बंद ठंडा पानी लेकर यात्रियों को प्यास बुझानी पड़ी।

कोल्ड वाटर बूथ पर भी गर्म पानी
बताया जा रहा है कि सिगनल नहीं मिलने के चलते शुक्रवार की सुबह आधा-आधा घंटे के अंतराल में गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस और यशवंतपुर-मां वैष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस पांढुर्ना स्टेशन के लूप लाइन पर खड़ी रही। इसमें सवार लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्री पीने के पानी के लिए प्लेटफार्म पर लगे वाटर बूथों की ओर दौड़े, पर नलों से निकल रहे गर्म पानी ने यात्रियों को बेहाल कर दिया। आखिरकार इन यात्रियों को बोतलबंद पानी लेकर प्यास बुझाते हुए ट्रेन निकलने का इंतजार करना पड़ा। पांढुर्ना मॉडल स्टेशन पर ऐसे नजारे रोज के हैं। दोनों प्लेटफार्मों पर लगे कोल्ड वाटर बूथों पर दो-दो नल लगाए गए हैं, इन नलों से ठंडे पानी की जगह गर्म पानी निकल रहा है।

यात्रियों का कहना है कि कोल्ड वाटर बूथ के बिजली स्विच बंद रहते हैं, जिससे पानी ठंडा नहीं रहता। रोजाना गर्मी में प्यासे यात्रियों को मजबूरी में बोतलबंद ठंडा पानी खरीदकर प्यास बुझानी पड़ रही है। प्लेटफार्म में लगे कुछ वाटर बूथ की टूटी-फूटी हालत देखकर अधिकतर यात्री इनमें से पानी पीने से भी कतराते हैं। लोगों का कहना है कि यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए ठंडे पानी के वाटर बूथों को भी शुरू रखना चाहिए। स्टेशन पर शहर के सामाजिक संगठनों ने वाटर कूलरों की सौगातें भी दी है, जिसका सार्थक उपयोग नहीं हो पा रहा है।
 

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