पवार बोले - सीएए-एनआरसी से देश में भय का माहौल, यशवंत सिन्हा की शांतियात्रा का हुआ आगाज

पवार बोले - सीएए-एनआरसी से देश में भय का माहौल, यशवंत सिन्हा की शांतियात्रा का हुआ आगाज

Tejinder Singh
Update: 2020-01-09 16:13 GMT
पवार बोले - सीएए-एनआरसी से देश में भय का माहौल, यशवंत सिन्हा की शांतियात्रा का हुआ आगाज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में तानाशाही रवैया अपनाया है, जिसका जवाब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंहिसा के माध्यम से दिया जा सकता है।पवार नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) व एनआरसी के विरोध में गेटवे आफ इंडिया से शुरु की गई महात्मा गांधी शांति यात्रा को लेकर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। यह यात्रा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में निकाली जा रही है। कार्यक्रम के दौरान श्री पवार ने कहा कि सीएए व एनआरसी के चलते पूरे देश में भय का माहौल है। यदि लोग अपनी नागरिकता को लेकर दस्तावेज नहीं दे पाए तो उन्हें शरर्णाथियों के लिए बनाए जानेवाले शिविरों में रहना पड़ेगा। युवा पीढी सड़कों पर उतरकर इस कानून का विरोध कर रही है। नागरिकों के मन में भी इस कानून को लेकर नाराजगी है। सरकार जनता के आंदोलन को दबाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा सुझाए गए सत्याग्रह के माध्यम से ही देश की परिस्थिति को सुधारा जा सकता है। गांधीजी के अंहिसा के हथियार से सरकार की तानाशाही का उत्तर दिया जा सकता है। उन्होंने श्री सिन्हा द्वारा शुरु की गई महात्मा गांधी शांति यात्रा की भी सराहना की। इस मौके पर राज्य के पूर्व सिन्हा के अलावा मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक, पूर्व मंत्री शशिकांत शिंदे व पूर्व सांसद भालचंद्र मुणगेकर भी उपस्थित थे। 

दिल्ली में पूरी होगी यात्रा

मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरु शांति यात्रा कई राज्यों से होते हुए दिल्ली में पूरी होगी। गांधी शांति यात्रा के दौरान सरकार से मांग की जाएगी कि वह संसद में घोषणा करे कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) नहीं कराई जाएगी। यात्रा महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा से होकर 30 जनवरी को दिल्ली के राजघाट पर खत्म होगी। इस दौरान यशंवत सिन्हा ने कहा कि हमारी यात्रा एनआरसी और सीएए के विरोध में है। राज्य सरकारों ने जो हिंसा की, उसके खिलाफ है। रास्ते में हम लोगों से बात करेंगे। अंबेडकर जी के संविधान की रक्षा करेंगे। देश का दोबारा बंटवारा और गांधी की दोबारा हत्या नहीं होने देंगे। गांधी शांति यात्रा के दौरान ये दोनों नेता सीएए, एनआरसी और जज लोया की संदिग्ध मौत का मुद्दे को उठाएंगे। साथ ही केंद्र सरकार से एनआरसी लागू नहीं करने की मांग करेंगे। 


 

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