पायल तडवी मामला : जांच पूरी - अगले सप्ताह दाखिल होगा आरोपपत्र, आरोपी डाक्टरों की जमानत पर सुनवाई

पायल तडवी मामला : जांच पूरी - अगले सप्ताह दाखिल होगा आरोपपत्र, आरोपी डाक्टरों की जमानत पर सुनवाई

Tejinder Singh
Update: 2019-07-16 12:32 GMT
पायल तडवी मामला : जांच पूरी - अगले सप्ताह दाखिल होगा आरोपपत्र, आरोपी डाक्टरों की जमानत पर सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नायर अस्पताल की डाक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले को लेकर आरोपियों के खिलाफ 22 जुलाई तक आरोपपत्र दायर कर दिया जाएगा। पुलिस ने इस मामले की जांच को पूरी कर ली है। अगले सप्ताह तक पुलिस अपना आरोपपत्र तैयार कर लेगी। मंगलवार को विशेष सरकारी वकील राजा ठाकरे ने बांबे हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने इस प्रकरण में आरोपी महिला डाक्टरों की जमानत के विरोध में हलफनामा भी दायर किया। इस मामले में डा. हेमा अहूजा, डा. भक्ति मेहर व डा. अंकिता खंडेलवाल को आरोपी बनाया गया है। पिछली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ठाकरे ने दावा किया था कि उन्हें डा. तडवी द्वारा आत्महत्या से पहले लिखा गया एक पत्र मिला है। जिसमें आरोपी डाक्टरों का जिक्र है। 

वहीं तडवी की मां की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता सदाव्रते गुणरत्ने ने कहा कि उन्हें भी इस मामले में अपना जवाब देना है, इसलिए उन्हें थोड़ा वक्त दिया जाए। इसके बाद न्यायमूर्ति डी. नायडू ने मामले की सुनवाई 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी।  हाईकोर्ट में मामले की आरोपी तीन महिला डाक्टरों की जमानत आवेदन पर सुनवाई चल रही है। निचली अदालत ने तीनों डाक्टरों को जमानत देने से इंकार कर दिया है। लिहाजा आरोपी डाक्टरों ने हाईकोर्ट में जमानत आवेदन दायर किया है। डा पायल तडवी ने नायर अस्पताल के छात्रावास में 22 मई को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद इस मामले में अस्पातल में कार्यरत डा हेमा अहूजा, डा भक्ति मेहरे व डा अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद से तीनों डाक्टर जेल आर्थर रोड जेल है। 

न्यायमूर्ति नायडू के सामने आरोपी डाक्टरों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आबाद पोंडा ने कहा कि मेरे मुवक्किलों ने डाक्टर तडवी को सिर्फ उसका काम उसे ठीक ढंग से करने को कहा था। उन्होंने डाक्टर तडवी को कोई जातिगत ताना नहीं मारा था। फिर भी पुलिस ने मेरे मुवक्किलों पर आत्महत्या के लिए उकसाने व रैंगिग का आरोप लगाया है। वे पिछले 50 दिनों से जेल में हैं। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने मामले की सुनवाई 23 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी। 
 

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