11वीं में एडमीशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम के खिलाफ याचिका, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब 

11वीं में एडमीशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम के खिलाफ याचिका, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब 

Tejinder Singh
Update: 2021-06-10 12:18 GMT
11वीं में एडमीशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम के खिलाफ याचिका, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट कक्षा 11 वीं में एडमिशन के राज्य सरकार द्वारा सामान्य प्रवेश परीक्षा (सीईटी) को भेदभावपूर्ण बताने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। आईसीएसई बोर्ड़ कि छात्रा की ओर से दायर याचिका में दावा किया गया है कि सीईटी का पाठ्यक्रम पूरी तरह से एसएससी बोर्ड के पाठ्यक्रम पर आधारित होगा। जबकि आईसीएसई बोर्ड़ का पाठ्यक्रम व विषय एसएससी बोर्ड के पाठ्यक्रम से बिल्कुल भिन्न होते हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो सीईटी का आयोजन भेदभावपूर्ण है। इसलिए याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक सरकार की ओर से सीईटी की परीक्षा के विषय में राज्य सरकार की ओर से 28 मई 2021 को जारी अधिसूचना पर रोक लगाई जाए। क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत मिले समानता के अधिकार का उल्लंघन करती है।

परीक्षा रद्द तो सीईटी क्यों 

याचिका के मुताबिक आईसीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों को कक्षा दसवीं में विज्ञान व गणित छोड़ने की छूट होती है। जबकि एसएसई बोर्ड मे ऐसा नहीं है। इस लिहाज से भी आईसीएसई बोर्ड़ के विद्यार्थियों को सीईटी की परीक्षा में दिक्कत आएगी। याचिका में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना संकट का हवाला देकर कक्षा दसवीं की परीक्षा रद्द की है। और सीईटी की परीक्षा प्रत्यक्ष रुप से आयोजित करने की तैयारी हो रही है। जबकि कोरोना की तीसरी लहर की भी आशंका व्यक्त की जा रही। जिसमें बच्चों के अधिक प्रभावित होने की आशंका है। क्योंकि परीक्षा के दौरान काफी भीड़ होगी। इसी भीड़ को रोकने के लिए कक्षा दसवीं की परीक्षा रद्द की गई है तो फिर सीईटी का प्रत्यक्ष आयोजन क्यो किया जा रहा है। 

याचिका के मुताबिक कक्षा दसवीं में एसएससीई बोर्ड़ में 16 लाख विद्यार्थी है। सीईटी परीक्षा को लेकर सरकार की अधिसूचना के मुताबिक कॉलेज सीटे पहले उन विद्यार्थियों को आवंटित की जाएगी। जो विद्यार्थी सीईटी देंगे। इस तरह से यदि एसएससी बोर्ड के 16 लाख में से आधे विद्यार्थी भी सीईटी देगे तो सारी सीटे एसएससी बोर्ड़ के विद्यार्थियों को मिल जाएगी। बची सीटों पर दूसरे विद्यार्थियों को एडमिशन मिलेगा। इसलिए सीईटी की परीक्षा से जुड़े आदेश पर रोक लगाई जाए। 

गुरुवार को यह याचिका न्यायमूर्ति नीतिन जमादार व न्यायमूर्ति सीवी भडंग की खंडपीठ के सामने सुनवाई  के लिए आयी। इस दौरान सरकार वकील पूर्णिमा कंथारिया ने याचिका पर निर्देश लेने के लिए समय की मांग की। उन्होंने कहा कि अब तक कक्षा दसवीं का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है और सीईटी की तारीख भी तय नहीं की गई है। इस पर खंडपीठ ने सरकारी वकील को याचिका पर जवाब देने को कहा। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि यदि सीईटी की तारीख़ तय की जाती है तो इसकी जानकारी याचिकाकर्ता को भी दी जाए। 


 

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