बारिश के दिनों में ताड़ोबा में सफारी का विरोध, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगे ठोस कारण

बारिश के दिनों में ताड़ोबा में सफारी का विरोध, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगे ठोस कारण

Anita Peddulwar
Update: 2018-07-12 09:18 GMT
बारिश के दिनों में ताड़ोबा में सफारी का विरोध, हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता से मांगे ठोस कारण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वन विभाग ने बारिश के दिनों में ताड़ोबा-अंधेरी टाइगर रिजर्व (टीएटीआर) में सफारी को अनुमति दी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर में याचिकाकर्ता अविनाश प्रभुने ने बारिश के दिनों में जंगल सफारी की अनुमति का विरोध किया है। मामले में हुई सुनवाई में वन विभाग ने अपनी सफाई कोर्ट में प्रस्तुत की है।

वन विभाग ने दलील दी कि उन्होंने केवल बफर जोन में सफारी को अनुमति दी है न कि कोर एरिया में। वन विभाग का दावा है कि बारिश के दिनों में जंगल सफारी की अनुमति देने में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा निर्देशें का उल्लंघन नहीं हो रहा है। ऐसे में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को ही और विस्तृत जानकारी एक सप्ताह में प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

दरअसल हाईकोर्ट में लंबित इस जनहित याचिका में याचिकाकर्ता ने मुद्दा उपस्थित किया था कि ताड़ोबा में जंगल सफारी में  विविध नियमों का उल्लंघन हो रहा है। इसी पर पिछले दिनों हाईकोर्ट ने वन विभाग को सफारी से जुड़ी ठोस नीति निर्धारित करने को कहा था। जिसमें वीआईपी कोटे और जंगल सफारी पर अधिक स्पष्टता लाने को कहा गया था।

याचिकाकर्ता का दावा था कि वन विभाग नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करके जरूरत से ज्यादा वाहन सफारी के लिए जंगल में छोड़ रहा है। इससे वन्य प्राणियों को नुकसान हो रहा है। एनटीसीए ने निर्देशों के तहत यह तय है कि कितनी अवधि के लिए कितने वाहन सफारी के उद्देश्य से वन परिक्षेत्र में दाखिल होंगे। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि दिसंबर 2015 के बीच 64 दिनों में कुल 904 अतिरिक्त वाहन अवैध रूप से वन क्षेत्र में दाखिल हुए।

याचिकाकर्ता का यह भी दावा है कि उन्होंने एनटीसीए को इस मामले से अवगत कराया था, लेकिन एनटीसीए ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. तुषार मंडलेकर ने पक्ष रखा। 

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