नियम सख्ती का असर , पेट एग्जाम- 1 में 1467 में से हुए 233 पास

नियम सख्ती का असर , पेट एग्जाम- 1 में 1467 में से हुए 233 पास

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-29 07:45 GMT
नियम सख्ती का असर , पेट एग्जाम- 1 में 1467 में से हुए 233 पास

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश परीक्षा (पेट)-1 देने वाले 1467 में से 233 अभ्यर्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण की है। अब 6 सितंबर को ये अभ्यर्थी पेट-2 देंगे। पेट-1 उत्तीर्ण कर चुके अभ्यर्थी एम.फिल के लिए पात्र हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि नागपुर यूनिवर्सिटी ने  ने 19 से 21 अगस्त तक पेट-1 का आयोजन किया था। 

परीक्षा के लिए यूनिवर्सिटी को कुल 1841 आवेदन प्राप्त हुए थे। इसमें से कुल 1467 विद्यार्थियों ने बीते तीन दिनों में यह परीक्षा दी। इसमें से सर्वाधिक परीक्षार्थी विज्ञान शाखा के थे। विज्ञान के 730, इंटरडिसिप्लिनरी शाखा के 204, ह्यूमेनिटिज के 311 और कॉमर्स व मैनेजमेंट शाखा के 222 विद्यार्थियों ने पीएचडी प्रवेश परीक्षा दी, जिसमें से कुल 233 अभ्यर्थी पास हुए। गुरुवार को उन्हें पेट-2 का एडमिट कार्ड मिलेगा। जनवरी में हुई पेट 1 परीक्षा में 1998 परीक्षार्थी थे। इसमें से 236 पेट-2 के लिए पात्र हुए। 81 ने पेट 2 पास की थी। इसी तरह वर्ष 2018 में 1988 अभ्यर्थियों ने पेट 1 दी थी। 279 पेट के लिए पात्र हुए। इसमें से 89 विद्यार्थियों ने पेट-2 पास की थी।

नागपुर यूनिवर्सिटी ने बीते कुछ वर्षों में अपनी पीएचडी प्रक्रिया के नियमों को सख्त किया है। यूजीसी की गाइडलाइन्स अनुसार पीएचडी कराने के उद्देश्य से यूनिवर्सिटी ने यह निर्णय लिया है। नियम सख्त होने के बाद नागपुर विवि से पीएचडी के लिए पात्र होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। इस बार कितने परीक्षार्थी पीएचडी के लिए पात्र होते हैं, इस पर नजर रहेगी। इधर, पीएचडी के लिए गाइड न मिलना भी शोधार्थियों की एक बड़ी समस्या है। विश्वविद्यालय के प्रभारी प्रकुलगुरु डॉ.विनायक देशपांडे के अनुसार विवि ने क्लस्टर बनाकर शोधार्थियों को गाइड उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके अनुसार रिसर्च सेंटर और अंडरग्रेजुएट शिक्षक श्रेणी के गाइड को जोड़ कर शोधार्थियों काे राहत पहुुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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