मुंबई सहित तीन जिलों में भारी बारिश की संभावना, विदर्भ की फिजां में ठंडक

मुंबई सहित तीन जिलों में भारी बारिश की संभावना, विदर्भ की फिजां में ठंडक

Tejinder Singh
Update: 2019-07-26 16:14 GMT
मुंबई सहित तीन जिलों में भारी बारिश की संभावना, विदर्भ की फिजां में ठंडक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मौसम विभाग ने राज्य के तीन जिलों रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में भारी बारिश की संभावना जताई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हमने रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिये ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऑरेंज अलर्ट तैयारियों के लिए सचेत करने, जबकि रेड अलर्ट खराब हालात के मद्देनजर उन्हें कार्रवाई करने का निर्देश देने के लिये होता है। अधिकारी ने कहा, "मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है जबकि पालघर जिले के छिटपुट इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है। मुंबई में पिछले दो दिन में हुई बारिश से शहर के सायन, माटुंगा, माहिम, अंधेरी, मालाड और दहीसर समेत कई इलाकों में जलभराव और जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। 

जोरदार की तरफ बढ़ा मॉनसून

गुरुवार दोपहर बाद से पूरी रात बरसने के बाद शुक्रवार को मेघ शांत बने रहे, हालांकि पूरे दिन सूर्यदेव बादलों से झांक नहीं पाए। कभी बूंदाबांदी तो कभी हल्की फुहारें मौसम को सुहाना बनाती रहीं। हालांकि दोपहर में उमस से कुछ परेशान किया। रात मेघ कुछ ज्यादा ही मेहरबान नजर आए। गुरुवार रात 8.30 बजे से शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक 84.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई। सुबह से मेघों के डेरे और ठंडी बयारों ने मौसम को रूहानी बनाए रखा। रात भर बारिश और सुबह से धूप के न खिलने से दिन व रात के तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। दिन व रात के पारे में करीब 5 डिग्री की गिरावट रही। इससे गर्मी से हलाकान लोगों को बड़ी राहत मिली। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री नीचे रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री नीचे 21.9 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। आर्द्रता सुबह 98 प्रतिशत तक बढ़ी आर्द्रता शाम घट कर 79 प्रतिशत रह गई। हालांकि रात यह फिर बढ़कर 99 प्रतिशत तक पहुंच गई है। 

पकड़ेगी जोर

द्रोणिका अपनी सामान्य स्थिति पर आ गई है। यह फलौदी, अलवर, आगरा, बांदा, गया, पुरलिया तथा कम दबाव के क्षेत्र के बीच से गुजर कर बंगाल की खाड़ी में उतर रही है। 
इसके उत्तर प्रदेश में बने चक्रवाती चक्र व कम दबाव के क्षेत्र से जुड़े चक्रवाती चक्र के बीच से गुजरने के कारण मानसूनी द्रोणिका सक्रीय बनी हुई है। एक द्रोणिका कम दबाव के क्षेत्र से झारखंड, छत्तीसगढ़ से होते हुए राजस्थान जा रही है। एक कम दबाव का क्षेत्र उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में शैशव अवस्था में है। इसके 31 जुलाई तक परिपक्व होने के आसार है। इसके पूर्ण विकसित होने पर सक्रीय मानसून को पीछे से मदद मिलेगी। मौसम जानकारों के अनुसार कम दबाव का क्षेत्र शुक्रवार को पूर्ण विकसित हुआ है। इसका प्रभाव विदर्भ पर शनिवार से देखने को मिल सकता है। इसके कमजोर होते होते नया कम दबाव का क्षेत्र इसकी जगह ले सकता है। इससे अगले सप्ताह में भी मानसूनी बौछारें जारी रह सकती हैं। मौसम विभाग ने भी शनिवार व रविवार के लिए विदर्भ में आरेंज अलर्ट जारी किया है।

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