प्रीति राठी एसिड अटैक केस : फांसी की सजा आजीवन कारावास में तब्दील

प्रीति राठी एसिड अटैक केस : फांसी की सजा आजीवन कारावास में तब्दील

Tejinder Singh
Update: 2019-06-12 12:38 GMT
प्रीति राठी एसिड अटैक केस : फांसी की सजा आजीवन कारावास में तब्दील

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने एक युवती पर एसिड हमले के मामले में युवक को दोषी ठहराए जाने के फैसले को बरकरार रखा है पर उसे दी गई फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। निचली अदालत ने साल 2016 में आरोपो 25 वर्षीय अंकुर पनवर को प्रीति राठी नामक युवती पर एसिड हमले के लिए फांसी की सजा सुनाई थी। एसिड हमले का यह पहला मामला था जब किसी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ पनवर ने हाईकोर्ट में अपील की थी। जबकि राज्य सरकार ने पनवर की सजा की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट में अपील की थी।

पनवर ने 2 मई 2013 को नेवी की अस्पताल में नर्स की नौकरी ज्वाइन करने के लिए दिल्ली से मुंबई आयी राठी पर बांद्रा स्टेशन के बाहर एसिड हमला किया था। इस मामले में राठी बुरी तरह जख्मी हो गई थी। इलाज के लिए उसे पहले स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां उसकी हालत गंभीर हो गई। जिसके बाद उसे बांबे हास्पिटल में भर्ती किया गया था। जहां उसकी एक महीने तक चले इलाज के बाद मौत हो गई । पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपी अंकुर पनवर को गिरफ्तार किया था और उसके खिलाफ महिलाओं से जुड़े मामलों की सुनवाई करनेवाली विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया था।

निचली अदालत की न्यायाधीश ने आरोपी के कृत्य को बर्बर मानते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ पनवर ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति पीडी नाइक की खंडपीठ के सामने पनवर की अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बुधवार को खंडपीठ ने पनवर की अपील को आंशिक रुप से स्वीकार कर लिया औैर उसे सुनवाई गई फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया।  

 

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