एनपीआर की तैयारियां शुरू , इस बार जनगणना में जीवन स्तर भी होगा दर्ज

एनपीआर की तैयारियां शुरू , इस बार जनगणना में जीवन स्तर भी होगा दर्ज

Anita Peddulwar
Update: 2019-12-28 08:22 GMT
एनपीआर की तैयारियां शुरू , इस बार जनगणना में जीवन स्तर भी होगा दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर लोगों में तरह-तरह के भ्रम पैदा हो रहे हैं, जबकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो समय-समय पर होती है। शहर में भी एनपीआर की प्राथमिक तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिला स्तर पर मास्टर लेवल के 4 अधिकारियों को 6 दिवसीय कार्यशाला आयोजित कर विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस बार जनगणना में व्यक्ति का जीवन स्तर भी देखा जाएगा, जिसमें कितने कमरों के मकान के अलावा टीवी, कंप्यूटर और शौचालय जैसी सुविधाओं वाले बिंदुओं पर भी ध्यान दिया जाएगा।

ऐसी रहेगी प्रशिक्षण व्यवस्था
मास्टर लेवल के प्रशिक्षण के बाद फील्ड लेवल के अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही उसके नीचले स्तर पर अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके बाद डाटा कलेक्शन किया जाएगा। 2015 की सूची के आधार पर फाॅर्म भरवाया जाएगा, जिसमें यदि किसी की मृत्यु होती है, तो उसको डिलीट कर िदया जाएगा, वहीं विवाह और जन्म होने के बाद आने वाले सदस्यों को जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं, स्थानांतरित होने के बाद वहां रहने वाले नागरिकों का भी फार्म भरा जाएगा।

कब होगी जनगणना
सरकार ने अप्रैल 2020 से अपडेट शुरू करने के लिए कहा है। नागपुर जिले में करीब 1 मई से शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। अधिकारियों द्वारा सॉफ्टवेयर और मैन्युअली फार्मेट भरे जाएंगे। प्राथमिक जनगणना के बाद फरवरी 2021 में एक बार फिर जनगणना की जाएगी, जिसे जनगणना 2021 कहा जाएगा।

एक नजर में समझें
"नागरिकता कानून 1955" और "नागरिकता पंजीयन व राष्ट्रीय पहचान-पत्र आवंटन नियम 2003" के मुताबिक एनपीआर तैयार किया जाता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में इसे शुरू किया गया। अब केवल इसे अपडेट किया जा रहा है। 2011 की जनगणना के लिए 2010 में घर-घर जाने के दौरान ही एनपीआर के लिए जानकारी इकट्ठा की गई थी। इस डाटा को 2015 में घर-घर सर्वे करके अपडेट किया गया था। इस जानकारी का डिजिटाइजेशन भी किया गया। एनपीआर देश के सभी स्थानीय निवासियों का ब्योरा है। देश के हर स्थानीय निवासी को एनपीआर में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। अगर कोई बाहरी (विदेशी) व्यक्ति देश के किसी हिस्से में 6 महीने से ज्यादा समय से रह रहा है, तो उसका ब्योरा भी एनपीआर में दर्ज होगा।
 

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