रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं अब होगा आर-पार का संघर्ष
रेलवे का निजीकरण मंजूर नहीं अब होगा आर-पार का संघर्ष
हिंद मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव ने यूनियनों की संयुक्त सभा में केन्द्र सरकार को दी चेतावनी
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रेलवे का निजीकरण किसी कीमत पर मंजूर नहीं किया जाएगा, इस बारे में केन्द्र सरकार को स्पष्ट शब्दों में कहा जा चुका है, सरकार अडिय़लपन छोडऩे को तैयार नहीं है इसलिए अब आर-पार का संघर्ष होकर रहेगा.. यह बात रविवार को हिंद मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने रेलवे के उमंग सामुदायिक भवन में रेल डिफेंस, कोयला, एमईएस, विभिन्न विभागों की संगठित-असंगठित क्षेत्रों की विभिन्न यूनियनों की संयुक्त सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार पूँजीपतियों के इशारे पर रेलवे, रक्षा क्षेत्र, कोयला, एमईएस जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का निजीकरण कर उनके हाथों में सौंप रही है, जिसका अंितम साँस तक विरोध किया जाएगा। उन्होंने किसान आंदोलन, लेबर कोड, वेज कोड, निजीकरण, निगमीकरण, ठेकेदारी, ट्रेड यूनियन आंदोलन इत्यादि सहित सभी मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए सभी कर्मचारियों को एकजुट रहते हुए आंदोलन में शामिल होकर संघर्ष करने का संदेश दिया। सभा में ऑल इंडिया डिफेंस एम्पलाइज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एसएन पाठक ने ट्रेड यूनियन आंदोलन में कर्मचारियों से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का आह्वान किया। वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया और मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला ने रेलवे के निजीकरण के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी। वहीं कोयला यूनियन के अध्यक्ष नाथूलाल पांडे, एमएमएस के प्रदेश सचिव नेम सिंह, आरएन शर्मा ने सरकार की नीतियों के विरोध में एकता बनाए रखने का आह्वान किया। मंच संचालन पुष्पेंद्र सिंह ने किया।
पुष्पहार पहनाकर किया स्वागत
वहीं शरद बोरकर, कुशल राणा, राकेश जायसवाल, रोहित यादव, रितेश बेन, मोहनलाल, अमरीश सिंह, नितेश सिंह, वीरेंद्र साहू, शिवेंद्र रजक, मनीष यादव, सिंटू सिंह, रोमेश मिश्रा, जरनैल सिंह, कुमार संजय, राजा पांडे इत्यादि ने अतिथियों का पुष्पहार पहनाकर, शॉल तथा स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत किया।