एफसीआई के पास रहनेवालों को हो रही परेशानी, सड़क को दोनो तरफ लगती है ट्रकों की कतारें
एफसीआई के पास रहनेवालों को हो रही परेशानी, सड़क को दोनो तरफ लगती है ट्रकों की कतारें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) भले ही अनाज का वितरण कामकाजी समय में करने का दावा करे, लेकिन यहां से अनाज लेने के लिए ट्रकों की आवाजाही रात 3 बजे के बाद से ही शुरू हो जाती है। ट्रक दोनों ओर पार्क किए जाने से अन्य वाहनों को जाने के लिए रास्ता भी कम पड़ जाता है। संबंधित विभागों की नजर इस पर नहीं पड़ने से यह अव्यवस्था बढ़ते ही जा रही है, जिसका खामियाजा एफसीआई के आस पास रहनेवाले लोगों को उठाना पड़ रहा है। जिले (शहर व ग्रामीण) के लिए अनाज का वितरण किया जाता है। एफसीआई कामकाजी दिनों के वर्किंग अवर में ही अनाज वितरित करता है। राज्य के खाद्यान्न आपूर्ति अधिकारियों की तरफ से जो ट्रक यहां भेजे जाते हैं, उन ट्रकों में अनाज भरा जाता है। यहां हर दिन 50 से ज्यादा ट्रक एफसीआई के गेट से सटकर खड़े रहते हैं। अजनी चूना भट्टी से वर्धा रोड की ओर जानेवाले रास्ते के दोनों ओर ट्रक खड़े रहते हैं। इस कारण यहां से जानेवाले अन्य वाहनों के लिए रास्ता कम पड़ जाता है।
गेट के बाहर अधिकार नहीं
बी. एम. राऊत, विभागीय प्रबंधक, एफसीआई का कहना है कि गेट के बाहर का एरिया हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। खाद्यान्न विभाग जितने ट्रकों को अनुमति देता है, उतने ट्रक एफसीआई गोदाम पहुंचकर अनाज ले जाते है। हम वर्किंग अवर में ही अनाज वितरण करते है। आधी रात को रास्ते पर ट्रक खड़े रहने का हमसे संबंध नहीं है। यहां से नागपुर जिले (शहर व ग्रामीण) में ही अनाज भेजा जाता है।
एक कतार में खडे रहते हैं ट्रक
अनिल सवई, अन्न धान्य वितरण अधिकारी के मुताबिक ट्रक हमारी अनुमति से ही वहां अनाज लेने जाते हैं। एफसीआई गेट के बाहर एक कतार में ट्रक खड़े रहते हैं। तय समय में अनाज मिलने से पहले से वहां ट्रक पार्क करना पड़ता है। बड़ा रोड होने से किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। अनाज उठाना जरूरी है। एकाधबार कोई ट्रक रांग साइड लगा होगा। संबंधित ठेकेदार को सूचना देकर समझाया जाएगा।
कार्रवाई जरूर होगी
विक्रम साली, यातायात पुलिस उपायुक्त ने कहा कि रांग साइड ट्रक खड़े करनेवालों पर जरूर कार्रवाई होगी। बेवजह एफसीआई के पास ट्रक पार्क करनेवालों पर भी कार्रवाई होगी। आधी रात को हार्न बजाना या दोनों साइड का रास्ता घेरना ठीक नहीं है।