अधर में अटका गोंदिया में जेल बनाने का प्रस्ताव

अधर में अटका गोंदिया में जेल बनाने का प्रस्ताव

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-12 14:02 GMT
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डिजिटल डेस्क, मुंबई। गोंदिया जिले में जेल बनाने का प्रस्ताव अधर में लटकता नजर आ रहा है। गोंदिया में जिले का पहला जेल बनाने के लिए 101 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। इसलिए प्रदेश सरकार का गृह विभाग जेल के निर्माण के लिए इतनी बड़ी धनराशि खर्च करने को लेकर असमंजस में है। गृह विभाग के एक अधिकारी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि गोंदिया में जेल बनाने का प्रस्ताव है लेकिन इसके लिए अभी तक प्रशासनिक मंजूरी नहीं मिल सकी है। अधिकारी ने कहा कि गोंदिया में कैदियों की संख्या बहुत कम है। ऐसे में वहां पर जेल बनाने के लिए 101 करोड़ रुपए खर्च करना उचित होगा क्या? इसको लेकर अभी चर्चा चल रही है। अधिकारी ने कहा कि राज्य भर के कुल 60 जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। राज्य में नई जेलों की जरूरत है। इसलिए गोंदिया के अलावा अहमदनगर और मुंबई के मानखुर्द में नई जेल बनाने की योजना है। जबकि अहमदनगर शहर में जेल बनाने के लिए अब तक जमीन नहीं मिल सकी है पर मुंबई के मानखुर्द में सरकार की ओर से जमीन उपलब्ध करा दी गई है। इसलिए सबसे पहले मानखुर्द में जेल का निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

प्रदेश की जेलों में कैदियों की संख्या 151 प्रतिशत 

प्रदेश सरकार के जेल विभाग के अनुसार बीते जून महीने में राज्य के 60 जेलों में कैदियों की अधिकृत क्षमता 24 हजार 32 की बजाय 36 हजार 195 कैदी थे। जेलों में कैदियों की क्षमता की तुलना में 151 प्रतिशत कैदी हैं। जेलों में कुल  पुरुष कैदियों की संख्या 34 हजार 640 और महिला कैदियों की संख्या 1555 है। प्रदेश में 9 मध्यवर्ती जेल, जिला जेल वर्ग-1 के 19, जिला जेल वर्ग-2 के 23 व जिला जेल वर्ग-3 के 9 जेल हैं। इसमें महिलाओं के लिए दो ओपन (खुला) जेल और एक साधारण जेल है। 

येरवडा जेल में सबसे अधिक कैदी 

पुणे के येरवडा मध्यवर्ती जेल में सबसे अधिक 5 हजार 866 कैदी हैं। जबकि औरंगाबाद मध्यवर्ती जेल में 1743, नागपुर मध्यवर्ती जेल में 2230, नाशिक रोड मध्यवर्ती जेल में 2915 और नई मुंबई के तलोजा मध्यवर्ती जेल में 2519 कैदी हैं। सांगली के आटपाडी जेल में सबसे कम 7 और लातूर के ओपन जेल में 8 कैदी हैं।

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